मुंबई के परेल स्थित पुतलाबाई चाल में स्थापित होने वाले ‘लालबाग के राजा’ की महिमा से केवल महानगर ही नहीं, देश-विदेश के लोग भी परिचित हैं। उनके मनमोहक रूप की एक झलक पाने और अपनी आंखों में बसाने के लिए लाखों गणेश भक्त घंटों लाइन में खड़े रहते हैं। गणेशोत्सव के 10 दिनों तक पूरे क्षेत्र में अपार हर्ष और उल्लास का माहौल रहता है। बेशक वहां बहुत भीड़ होती है। लेकिन कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि में इस वर्ष यहां का दृश्य कुछ बदला हुआ है। गणेशोत्व मंडल ने इस स्थिति में प्रशासन के नियमों के तहत ही गणेशोत्सव का आयोजन किया है।
कोरोना के मद्देनजर भीड़ से बचने के उद्देश्य से मंडल ने गणेश भक्तों के लिए घर बैठे ऑनलाइन दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराई है और ‘लालबागचा राजा’ का सीधा प्रसारण किया जा रहा है।
पुलिस और मंडल के पदाधिकारियों में विवाद
इस वर्ष ‘लालबागचा राजा’ की स्थापना और पूजा में कुछ देरी हुई। इसका कारण यह है कि यहां पुलिस ने मंडल क्षेत्र में भारी सुरक्षा व्यवस्था की थी। मुंबई के संयुक्त पुलिस आयुक्त विश्वास नांगरे पाटील भी मौके पर मौजूद थे। लालबाग बाजार के स्थानीय लोग उस समय आक्रोशित हो गए, जब पुलिस ने नोटिस भेजकर लालबाग के राजा की स्थापना करने में शामिल स्थानीय व्यापारियों और दुकानदारों की दुकानें बंद कर दीं। आखिरकार मंडल के पदाधिकारियों के साथ एक घंटे की चर्चा के बाद पुलिस और मंडल के बीच समन्वय से मामले को सुलझाया गया।
ये भी पढ़ेंः मुंबई में 144… जानें गणपति दर्शन पर पुलिस का आदेश
भीड़ न जमा करने की अपील
पिछले साल की तरह इस साल भी कोरोना महामारी के मद्देनजर मुंबई पुलिस ने गणेश भक्तों के ‘लालबाग के राजा’ के दर्शन करने पर रोक लगा दी है। वहीं पुलिस ने इस बात का ध्यान रखने की अपील की है कि आरती के दौरान भीड़ न हो। मंडल ने सभी नियमों का पालन करने का भी वादा किया है। फिलहाल मंडल पदाधिकारियों और पुलिस के बीच हुए विवाद को आखिरकार सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया गया।