महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री बनने के बाद शिवसेना काफी आक्रामक हो गई है। अब शिवसेना ने उत्तर प्रदेश में भी चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पार्टी ने यूपी में सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। बड़ी बात यह है कि जहां शिवसेना ने उत्तर प्रदेश में चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है, वहीं अब तक दूसरे राज्यों में चुनाव लड़ने वाले पार्टी के उम्मीदवार अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए हैं। आइए जानते हैं, राज्य से बाहर अब तक के चुनावों में शिवसेना की स्थिति कैसी रही है?
बिहार में नहीं बजी ‘तुतारी’
पिछले साल हुए बिहार विधानसभा चुनाव में शिवसेना की तुरही नहीं बज पाई थी। शिवसेना ने बिहार में 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इनमें से 22 सीटों पर उन्हें नोटा से भी कम वोट मिले। इस चुनाव में शिवसेना अपने चुनाव चिह्न को लेकर चर्चा में आई थी। शिवसेना का चुनाव चिन्ह धनुष-बाण है, जबकि बिहार की प्रमुख सत्ताधारी पार्टी जदयू का भी चुनाव चिह्न तीर है। झारखंड मुक्ति मोर्चा का भी चुनाव चिह्न भी धनुष बाण है। इसे देखते हुए चुनाव आयोग ने शिवसेना का चुनाव चिह्न बदल दिया था ताकि कोई असमंज न रहे। उसे बिस्किट दिया गया। हालांकि, शिवसेना ने इस चुनाव चिह्न पर आपत्ति जताते हुए इसे बदलने की मांग की थी। उसके बाद शिवसेना को तुरही बजाने वाले मावला का चुनाव चिन्ह दिया गया।
दिल्ली में भी फुस्स
पिछले साल फरवरी में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी शिवसेना अपना प्रभाव नहीं दिखा पाई थी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना ने दोनों ने दिल्ली विधानसभा में उम्मीदवार खड़े किए थे। हालांकि दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। शिवसेना के 5 उम्मीदवारों के कुल वोट 19 हजार 15 थे। इनमें से चार उम्मीदवारों को सिर्फ 971 वोट मिले थे। एक उम्मीदवार को 18,044 वोट मिले थे। धर्म वीर दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बुराडी निर्वाचन क्षेत्र से शिवसेना के उम्मीदवार थे। गिने-चुने लोगों ने उन्हें पसंद किया था। धर्म वीर को 18 हजार 44 वोट मिले। हालांकि उनकी भी जमानत जब्त हो गई थी। गौरव को करोल बाग निर्वाचन क्षेत्र से केवल 192 वोट मिले। चांदनी चौक सीट पर शिवसेना प्रत्याशी अनिल सिंह को महज 242 वोट मिले। विकासपुरी सीट से संजय गुप्ता को 422 वोट मिले, तो मालाबिया नगर से मोबिन अली को 115 वोट मिले। इस तरह शिवसेना के सभी पांचों उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।
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गुजरात में जमानत जब्त
2017 में गुजरात में भाजपा का सिरदर्द बढ़ाने के लिए शिवसेना ने विधानसभा चुनाव में 36 सीटों पर पार्टी प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन शिवसेना के सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। खास बात यह रही कि 36 उम्मीदवारों को सिर्फ 28,660 वोट ही मिले। ये वोट कुल डाले गए वोटों का 0.08 प्रतिशत थे। शिवसेना के केवल आठ उम्मीदवारों को एक हजार से अधिक वोट मिले। इनमें से लिंगायत निर्वाचन क्षेत्र के सम्राट पाटील को सबसे ज्यादा 4,075 वोट मिले।