अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद वहां मानवाधिकारों की चिंता अब विश्व स्तर पर की जा रही है। विशेष रुप से तालिबान में महिलाओं पर प्रतिबंध बहस का विषय बना हुआ है। इस स्थिति में यह समझना आसान है कि तालिबान के कब्जे वाले अफगानिस्तान की यात्रा एक महिला पॉप स्टार के लिए बुरे सपने की तरह हो सकती है। इसका कारण यह है कि तालिबान महिलाओं को सशक्त बनाने के पक्ष में नहीं है। पॉप स्टार अर्याना सईद ने अफगानिस्तान से बाहर निकलने का एक डरावना अनुभव साझा किया है।
दो बार की भागने की कोशिश
अर्याना सईद अफगानिस्तान से भागने में सफल हो गईं और वर्तमान में अपने भावी पति के साथ इस्तांबुल में रह रही हैं। हालांकि, जब तालिबान ने काबुल पर अधिकार कर लिया था, तब वे काबुल में थीं। उन्होंने काबुल से बाहर निकलने के दो बार प्रयास किए। दूसरी बार, एक छोटी लड़की की वजह से वे वहां से निकलने में सफल हुईं।
छोटी बच्ची के कारण निकल सकीं अर्याना
अर्याना के अनुसार उन्होंने 15 अगस्त को काबुल छोड़ने का पहला प्रयास किया। उसी दिन तालिबान ने काबुल पर अधिकार कर लिया। हालांकि, जिस विमान से उन्हें काबुल से रवाना होना था, उसने बाद में उड़ान नहीं भरी। फिर 16 अगस्त को वे काबुल एयरपोर्ट पहुंचीं। इस बार एक छोटी बच्ची की वजह से वे वहां से भागने में सफल हो सकीं।
उस दिन एयरपोर्ट पर काफी भीड़ थी…!
अर्याना बताती हैं, ”उस दिन काबुल हवाईअड्डे पर भारी भीड़ थी। हम एयरपोर्ट में प्रवेश शुरू होने का इंतजार कर रहे थे। उसी समय एक नन्हीं बच्ची आई और मेरी गोद में बैठ गई। मैंने उस बच्ची से कहा कि अगर तुम्हें किसी ने पूछा तो तुम उसे बस इतना कहोगी कि मैं तुम्हारी मां हूं और मेरा नाम एंजेल है, अर्याना नहीं। भाग्य ने मदद की और अमेरिकी सैनिकों ने मुझे विमान पर चढ़ने दिया।”
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डरावना अनुभव
अर्याना आज भी उस डरावने अनुभव को नहीं भूली हैं, “जब हम घर से बाहर जा रहे थे तो मैंने अपने मंगेतर से कहा कि अगर तालिबानी मुझे पकड़ लेते हैं और मुझे ले जाते हैं, तो मुझे सिर में गोली मार देना, लेकिन मुझे उनके साथ जिंदा मत जाने देना।”
पाकिस्तान की आलोचना
26 वर्षीय पॉप स्टार ने अफगानिस्तान में पाकिस्तान के हस्तक्षेप पर बार-बार आपत्ति जताई है। उन्होंने हाल ही में घोषित तालिबान कैबिनेट की भी आलोचना की, “अफगानिस्तान में आज महिलाएं 20 साल पहले की तुलना में बहुत अलग हैं। वे निश्चित रूप से तालिबान की ज्यादतियों को स्वीकार नहीं करेंगी।”