आंदोलन करना है तो दिल्ली-हरियाणा जाकर करें किसान! कैप्टन के रुख में बदलाव?

पिछले कुछ दिनों से हरियाणा में किसान आंदोलन तेज होने से वहां की मनोहर लाल खट्टर सरकार परेशान है। उसका मानना है कि किसानों के उग्र आंदोलन कैप्टन और कांग्रेस के इशारे पर हो रहे हैं।

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किसान आंदोलन को लेकर पंजाब की कांग्रेस सरकार का रुख बदला हुआ नजर आ रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि किसानों के आंदोलन से पंजाब को बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान हो रहा है। सीएम ने कहा कि अगर किसानों को आंदोलन करना है तो वे दिल्ली- हरियाणा जाकर करें। मुख्यमंत्री के इस तरह के बयान पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है। इसका कारण यह है कि पंजाब सरकार शुरू से ही किसान आंदोलन का समर्थन करती रही है।

13 सितंबर को होशियारपुर जिले में एक कार्यक्रम में शामिल हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस तरह का बयान दिया है। वे यहां मुखिलाना में एक सरकारी कॉलेज के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

आर्थिक नुकसान का हवाला
सीएम ने कहा कि पंजाब में 113 स्थानों पर किसान आंदोलन कर रहे हैं। इन आंदोलनों के कारण राज्य की आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है। अगर किसानों को आंदोलन करना ही है तो हरियाणा या दिल्ली जाकर करें।

पंजाब-हरियाणा में बढ़ेगा विवाद
मुख्यमंत्री के इस बयान पर पंजाब और हरियाणा के बीच विवाद बढ़ सकता है। पिछले कुछ दिनों से हरियाणा में किसान आंदोलन तेज होने से वहां की मनोहर लाल खट्टर सरकार पहले से परेशान है। उसका मानना है कि किसानों के उग्र आंदोलन कैप्टन और कांग्रेस के इशारे पर हो रहे हैं।

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केंद्र पर भी बोला हमला
इधर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कैप्टन ने कहा कि अब तक संविधान में 127 बार संशोधन किया जा चुका है। इस स्थिति में किसानों के हित में एक बार और संशोधन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमने आंदोलन के दौरान मौत का शिकार होने वाले किसानों के परिवारों को 5-5 लाख रुपए की राहत राशि के साथ ही एक सदस्य को नौकरी भी दिया है।

10 महीने से आंदोलन कर रहे हैं किसान
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा लागू तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर कुछ किसान पिछले करीब 10 महीनों से दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में आंदोलन कर रहे हैं।

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