बाज नहीं आ रहे हैं खालिस्तानी आतंकी! अब पीम मोदी की नींद उड़ाने की छोड़ी फुलझड़ी

सिख फॉर जस्टिस की नीति भारत विरोधी रही है। उसने भारत के खिलाफ दुष्प्रचार के लिए कई व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले हफ्ते अमेरिका की यात्रा पर जाएंगे। इस दौरान वे क्वाड काउंसिल ऑफ नेशंस के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी भाग लेंगे। हालांकि खालिस्तानी विचारधारा से जुड़े संगठन सिख फॉर जस्टिस ने चेतावनी दी है कि प्रधानमंत्री के अमेरिका दौरे पर वे उन्हें चैन की सांस नहीं लेने देंगे।

सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान अमेरिका में व्हाइट हाउस के सामने उग्र विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। संगठन ने कहा कि भारत में किसानों के खिलाफ हिंसा के विरोध में यह आंदोलन किया जाएगा।

क्वाड देशों की पहली फिजिकल बैठक
क्वाड ग्रुप का यह पहला सीधा सम्मेलन है, जिसके चार सदस्य देश हैं, भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान। इससे पहले कोरोना के चलते वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वार्ता होती रही है। प्रधानमंत्री के इस सम्मेलन के लिए अमेरिका जाने की जानकारी मिलते ही एसएफजे ने उनके खिलाफ प्रदर्शन करने की चेतावनी जारी कर दी है। बता दें कि 10 जुलाई 2019 को भारत ने अवैध गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए इस संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया है।

 जो बाइडन करेंगे अध्यक्षता
24 सितंबर को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी वाशिंगटन में क्वाड ग्रुप के सम्मेलन में भाग लेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। इस सम्मेलन में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा भी शामिल होंगे।

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सिख फॉर जस्टिस की गतिविधियां
सिख फॉर जस्टिस की नीति भारत विरोधी रही है। उसने भारत के खिलाफ दुष्प्रचार के लिए कई व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हैं। इस समूह में कई पाकिस्तानी भी शामिल हैं और उनमें से अधिकांश आईएसआई एजेंट हैं। पिछले कई सालों से संगठन डार्क वेब पर प्रचार करने के लिए वेबसाइट लॉन्च कर रहा है। उस पर आपत्तिजनक टेक्स्ट भी डाला जा रहा है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि अब उन वेबसाइटों को बंद कर दिया गया है। वे भारत में आंदोलनकारी किसानों को भड़काने और उन्हें धन उपलब्ध कराने के साथ ही हर तरह के देशविरोधी गतिविधियों में शामिल रहते हैं। हालांकि उनके इस तरह के विरोध का भारत की सेहत पर अब तक कोई असर नहीं पड़ा है।

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