प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना के नए कार्यालय का लोकार्पण किया, जिसमें 7000 सैन्य कर्मी एक साथ बैठकर काम कर सकेंगे। यह कार्यालय मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट, सेंट्रल विस्टा के पहले चरण में आनेवाले कार्यालयों में से एक है। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में विरोधियों पर हमला बोला।
सेंट्रल विस्टा परियोजना को लेकर विपक्ष ने बहुत विरोध किया था। इस परियोजना के खर्च को लेकर भी भ्रांतियां फैलाई गई थीं। विपक्ष के द्वारा इस परियोजना को 20 हजार करोड़ रुपए का बताकर विरोध किया गया था, इसमें कोरोना संक्रमण का भी खूब सहारा लिया गया था। परंतु, डिफेंस कॉम्प्लेक्स के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री ने इन सभी का उत्तर भी दिया।
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सेंट्रल विस्टा के विरोधियों पर निशाना
प्रधानमंत्री ने कहा, जो लोग सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पीछे डंडा लेकर पड़े थे, वे बड़ी चालाकी से सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का ये भी एक हिस्सा है, जहां 7,000 से अधिक सेना के अफसर जहां काम करते हैं, उस पर बिल्कुल चुप हैं।
अब केजी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यु में बने ये आधुनिक ऑफिस, राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े हर काम को प्रभावी रूप से चलाने में सहायता करेंगे। राजधानी में आधुनिक डिफेंस एन्क्लेव के निर्माण की तरफ ये बड़ा कदम है। जब हम राजधानी की बात करते हैं तो वो सिर्फ एक शहर नहीं होता।
Inaugurating Defence Offices Complexes in New Delhi. https://t.co/4n202IC2ei
— Narendra Modi (@narendramodi) September 16, 2021
ऐसी होनी चाहिये राजधानी
पीएम ने कहा कि, किसी भी देश की राजधानी उस देश की सोच, संकल्प, सामर्थ्य और संस्कृति का प्रतीक होती है। भारत तो लोकतंत्र की जननी है। इसलिए भारत की राजधानी ऐसी होनी चाहिए, जिसके केंद्र में लोक हो, जनता हो।
कोरोना काल में मिला रोजगार
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि, सैन्य कार्यालयों के कॉम्प्लेक्स का जो काम 24 महीने में पूरा होना था वो सिर्फ 12 महीने में पूरा किया गया है। वो भी तब जब कोरोना से बनी परिस्थितियों में लेबर से लेकर तमाम दूसरी चुनौतियां सामने थीं। कोरोना काल में सैकड़ों श्रमिकों को इस प्रोजेक्ट में रोजगार मिला है। जब नीति और नीयत साफ हो, इच्छाशक्ति प्रबल हो और प्रयास ईमानदार हों, तो कुछ भी असंभव नहीं होता, सब संभव होता है। देश की नई पार्लियामेंट बिल्डिंग का निर्माण भी तय समय सीमा के भीतर पूरा होगा।