गुजरात के भूपेंद्र पटेल मंत्रिमंडल की शपथ विधि हो गई है। इसके साथ ही राज्य में पुराने सत्ताधारियों ने नए मुख्यमंत्री और नए मंत्रियों के साथ एक नया रिकॉर्ड भी बना दिया। यह इतिहास में पहली बार ही होगा कि जिस दल की सत्ता है उसने अपने उसी कार्यकाल में नया मुख्यमंत्री दिया तो उनके साथ मंत्रिमंडल के लिए नए मंत्री भी दिये।
भारतीय जनता प्रयोगों की पार्टी है। तभी तो विजय रुपाणी जब मुख्यमंत्री पद से हटे और नए मुख्यमंत्री के चयन की बात आई तो चर्चा में जो थे वे दरकिनार हो गए और भूपेंद्र पटेल मुख्यमंत्री के रूप में चुन लिये गए। विधान सभा चुनाव के 14 महीने पहले हुए सत्ता हस्तांतरण में भाजपा यहीं नहीं थमी। उन्होंने मुख्यमंत्री बदला तो उनका पूरा मंत्रिमंडल भी बदल दिया।
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10 कैबिनेट और 25 राज्यमंत्री
भूपेंद्र पटेल मंत्रिमंडल में 10 कैबिनेट मंत्री हैं। मुख्यमंत्री के अलावा राजेंद्र त्रिवेदी, जीतू वाघाणी, ऋषिकेश पटेल, पूर्णेश मोदी, राघवजी पटेल, कनुभाई देसाई, किरिटसिंह राणा, नरेश पटेल, प्रदीप परमार और अर्जुनसिंह चौहान। कैबिनेट मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी सरकार में नंबर दो पर रहेंगे। मंत्रिमंडल में 25 राज्य मंत्रियों में से 5 स्वतंत्र प्रभार और 9 राज्यमंत्री हैं।
नो रिपीट थ्योरी से असंतोष
भाजपा केंद्रीय समिति की नो रिपीट थ्योरी के कारण भारी असंतोष है। वर्षों से मंत्री और वरिष्ठ नेताओं ने इस विषय में केंद्र के सामने विरोध पहुंचाया है। कई क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन भी हुआ। ऐसा ही एक विरोध विंछिया में देखने को मिला।
वहां से कुंवरजी बावलिया, विजय रूपाणी सरकार में मंत्री थे। पुरानी सरकार के नए मंत्रिमंडल में विधायक कुंवरजी बावलिया को न लिये जाने से स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। लोगों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। कुंवरजी बावलिया के समर्थन में कोली समाज ने भी विरोध का साथ दिया है।
कैबिनेट मंत्री जयेश रादडिया के समर्थन में जेतपुर, धोरापुर में लोगों ने विरोध किया। राजकोट से पोरबंदर के पट्टे में रादडिया परिवार की अच्छी धमक है। इसको देखते हुए यहां भाजपा की राह कठिन हो सकती है।
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