कोरोना महामारी से पहले किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि रोजमर्रा के जीवन के साथ ही हमारे त्योहारों को मनाने के तौर-तरीके भी बदल जाएंगे क्योंकि त्योहार तो अपने लोगों से मिलने-जुलने और अपनापन लुटाने के महत्वपूर्ण अवसर माने जाते रहे हैं। महाराष्ट्र में दिवाली के साथ ही भाई-दूज का खास महत्व है। इस त्योहार को भाई-बहन के मिलने और एक-दूसरे के प्रति स्नेह तथा अपनापन दिखाने का अवसर माना जाता है। लेकिन कोरोना महामारी ने इसके स्वरुप को भी बदलकर रख दिया है। मुंबई महानगरपालिका ने भाई दूज के दिन एक दूसरे के घर न जाकर ऑनलाइन शुभकामनाएं देने का दिशानिर्देश जारी किया है।
न आए भाई तो ना रुठे बहना
बीएमसी ने दिवाली और भाई दूज के त्योहारों को लेकर जारी परिपत्र में भाई को बहन के घर जाने पर पाबंदी लगा दी है। बीएमसी ने कोरोना महामारी के मद्देनजर यह दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा है कि अगर इस त्योहार के मौके पर भाई बहन के घर नहीं जाता है तो बहन को रुठने की बजाय ऑनलाइन शुभकामनाएं लेकर त्योहार मनाना चाहिए। इसी में भाई और बहन दोनों के साथ ही अन्य लोगों की भी भलाई है।
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हाथ, पांव और मुंह धोने के साथ ही सेनेटाइजर का इस्तेमाल करना जरुरी
अगर किसी को जाना बहुत जरुरी ही है तो घर पहुंचने पर हाथ, पांव और मुंह धोने के बाद ही किसी से मिले-जुले और उस समय भी मास्क, सेनेटाइजर और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करे। साथ ही अपने हाथ-मुंह पोछने के लिए दूसरे के तौलिया न इस्तेमाल कर अपने रुमाल का उपयोग करें। इसके साथ ही बीएमसी ने लोगों से दिवाली और भाई-दूज के मौके पर खरीदी करने के समय भीड़ से बचने का आह्वान किया है।