बिजली नियामक आयोग के निर्देशों के अनुसार अदानी की बिजली के बढ़े दर की मार महावितरण के ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा। इसके पहले कोयले की खरीद का अतिरिक्त बोझ बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ रहा था। महावितरण द्वारा अदानी के मनमाने कारभार के खिलाफ शिकायत की गई थी, जिस पर बिजली नियामक आयोग ने अदानी के विरोध में निर्णय किया है।
इस संबंध में महाराष्ट्र कांग्रेस के महासचिव राजेश शर्मा ने कहा कि एसएसईडीसीएल ने अदानी पावर कंपनी के खिलाफ यह लड़ाई जीती है और राज्य में बिजली उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए काम किया है। तिरोदा में थर्मल पावर प्रोजेक्ट के लिए, अदानी ने पास के विशाखापत्तनम से कोयला खरीदने के बजाय दाहेज बंदरगाह से कोयला खरीदा।
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*अदानीच्या मनमानीला वीज नियामक आयोगाकडून चाप !: राजेश शर्मा.*
*कोळशाच्या वाहतूकीवरील अतिरिक्त खर्चाच्या वाढीव बोजातून ग्राहकांची सुटका*
*काँग्रेसकडून MERC च्या निर्णयाचे स्वागत*
— Rajesh P. Sharma (@RajeshSharmaINC) September 18, 2021
दाहेज से कोयला खरीदने से दाहेज से तिरोदा तक परिवहन की लागत 500 रुपये प्रति मेट्रिक टन बढ़ जाती है। एमएसईडीसीएल ने इसका विरोध किया था। अदानी का दावा है कि दाहेज बंदरगाह तिरोदा के पास था, जिसे बिजली नियामक आयोग ने खारिज कर दिया। इसका राजेश शर्मा ने स्वागत किया है।
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