कोरोना महामारी से अभी राहत मिली नहीं है और डेंगू के साथ ही अन्य खतरनाक बीमारियों ने देश के कई प्रदेशों में टेंशन बढ़ानी शुरू कर दी हैं। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश के साथ ही हरियाणा आदि शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के ब्रज क्षेत्र में डेंगू तथा अन्य वायरल बुखार थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस क्षेत्र में एक दिन में 9 मरीजों की मौत से इसके खतरे को समझा जा सकता है। इसके साथ ही 19 सितंबर को आगरा में भी एक मरीज की मौत से इसके अन्य क्षेत्रों मे फैलने की आशंका जताई जा रही है।
फिरोजाबाद में एक दिन में 4 माह के बच्चे के साथ ही किशोरी सहित चार लोगों की मौत होने का गंभीर मामला प्रकाश में आया है। यहां सरकारी अस्पताल में 19 सितंबर को डेंगू बुखार से पीड़ित 71 मरीज भर्ती कराए गए। इसके साथ ही आगरा में एक युवक की मौत हो गई। यहां एसएन मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 16 डेंगू मरीजों की पुष्टि की गई है। कासगंज में एक किशोरी और एक युवती ने डेंगू से दम तोड़ दिया। मैनपुरी में एक बच्ची की मौत हो गई, जबकि जिले में अब तक 74 डेंगू से पीड़ित मरीज पाए गए हैं। मथुरा में भी इस बीमारी के 20 नए मामले पाए गए हैं। यहां इससे एक बच्चे की मौत भी हो गई है।
एमपी में भी कहर जारी
उत्तर प्रदेश के साथ ही एमपी के उमरिया और अनूपपुर को छोड़कर बाकी सभी जिलों में डेंगू के मरीज पाए गए हैं। इंदौर, ग्वालियर और भोपाल में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने से सरकार और प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। यहां प्रति दिन औसतन 15 नए मरीज मिल रहे हैं। जनवरी से अब तक यहां 20 हजार नमूनों की जांच में 3900 डेंगू के मरीज पाए गए हैं। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि इनमें से लगभग 2200 मरीज केवल सितंबर में पाए गए हैं। इन प्रदेशों के साथ ही बिहार, हरियाणा और महाराष्ट्र में भी इस बीमारी ने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं।
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डी स्ट्रेन काफी खतरनाक
डेंगू का डी स्ट्रेन काफी खतरनाक साबित हो रहा है। इसमें बुखार के तीसरे दिन बच्चों में खून नलिकाओं से प्लाज्मा लीक होने लगता है और शरीर पर सूजन आ जाती है। खून गाढ़ा होने से हीमोग्लोबिन बढ़ जाता है। इसके बाद उल्टी होने लगती है और शीर में तरल पदार्थ की कमी हो जाती है। इसलिए डेंगू के मरीज में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए, इस बात का ध्यान रखना जरुरी है।