इस्लामी षड्यंत्र में अकेला नहीं है कलीम… जानें धर्मांतरण की ‘टीम 11’

इस्लामी कट्टरवाद की आग में भारत को धकेलने की बड़ी साजिश चल रही थी, जिसमें विदेशी चंदे और संस्थाओं का बड़ा सहयोग मिल रहा था।

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उत्तर प्रदेश एटीएस ने इस्लामी धर्मांतरण के जिस रैकेट का भंडाफोड़ किया है उसमें पहली गिरफ्तारी 20 जून को हुई थी। आरोपी से पूछताछ में इसमें और लोगों के शामिल होने की बात सामने आने लगी और बड़े स्तर पर विदेशी फंडिंग की जानकारी मिली।

एटीएस ने 20 जून, 2021 को जिन लोगों को पकड़ा था उसमें मुफ्ती काजी उमर गौतम भी था। वह इस्लामी दावा सेंटर का संचालक है। उससे पूछताछ में कई अन्य लोगों की संलिप्तता सामने आई। जिसमें महाराष्ट्र, झारखंड और गुजरात से भी लोग शामिल हैं।

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इसमें गुजरात के बड़ोदा से सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख, महाराष्ट्र के नागपुर से रामेश्वर कावड़े उर्फ आदम, झारखंड के झरिया से कौशर आलम और महाराष्ट्र के गडचिरोली से भुप्रिय बन्दो उर्फ अर्सलान मुस्तफा शामिल हैं। धर्मांतरण के प्रकरण में मौलाना कलीम को लेकर कुल 11 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिसमें से 6 के विरुद्ध आरोप पत्र भी दायर हो चुका है।

गौतम को होती थी बड़ी फंडिंग
उमर गौतम और उसके सहयोगियों को ब्रिटेन की अल फला ट्रस्ट से 57 करोड़ रुपए मिले थे। इसके अलावा बहरीन से भी फंडिंग की जा रही थी। उमर गौतम खुद भी धर्मांतरित मुस्लिम है। उसकी संस्था इस्लामिक दावा सेंटर को फंडिंग करनेवाले लोगों से ही मौलाना कलीम सिद्दीकी की संस्था जामीया इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट को भी फंड मिले हैं। इसमें से 1.5 करोड़ रुपए बहरीन से मिले हैं। इसके अलावा कलीम को हवाला के जरिये भी पैसे मिल रहे थे।

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