कश्मीरी ‘पंडित’ के खिलाफ वो मामला खारिज… जम्मू उच्च न्यायालय में बड़ी जीत

जम्मू कश्मीर में नेताओं के दबाव में भी कश्मीरी पंडितों के साथ दुर्भावना का व्यवहार होता रहा है। इसके प्रमाण भी समय-समय पर सामने आते रहते हैं।

205

जम्मू कश्मीर में अब्दुल्ला परिवार के खिदमतगार अधिकारियों को मुंह की खानी पड़ी है। पम्पोर पुलिस थाने में वर्ष 2018 में एक एफआईआर कश्मीरी पंडितों की आवाज मुखर करनेवाले मानवाधिकार कार्यकर्ता सुशील पंडित पर दर्ज की गई थी। इसे वरिष्ठ अधिवक्ता अंकुर शर्मा के माध्यम से जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी।

यह प्रकरण 21 मई, 2018 को पम्पोर पुलिस द्वारा सुशील पंडित के विरुद्ध दर्ज किये गए एक एफआईआर का था। यह प्रकरण रमजान के समय का था, जब केंद्र सरकार के आदेश के बाद आतंकी संगठनों पर सुरक्षा एजेंसियों ने कार्रवाई बंद कर दी थी। सुशील पंडित नई दिल्ली में थे और उन्हें एक सेमिनार के दौरान बारामुला के नेता से पता चला कि, आतंकियों ने वारदात को अंजाम दिया है, जिसमें पांच सीआरपीएफ के जवान हुतात्मा हो गए हैं। इसको सुनकर पंडित ने ट्वीट कर दिया।

ये भी पढ़ें – कैप्टन की बगावत! सिद्धू के सामने उतारेंगे मजबूत उम्मीदवार, राहुल-प्रियंका के लिए कह दी ऐसी बात

इस ट्वीट पर टिप्पणी करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कड़ी कार्रवाई की मांग की थी।

इस सूचना के गलत होने की जानकारी मिलते ही सुशील पंडित ने अपने ट्वीट को डिलीट भी कर दिया था। परंतु, तब तक पम्पोर पुलिस एफआईआर पंजीकरण कर चुकी थी। पुलिस ने एफआईआर क्र. 49/2018 सेक्शन 505 आरपीसी के अंतर्गत दर्ज की थी।

न्यायालय का आदेश
सुशील पंडित ने अपने ऊपर दर्ज आरपीसी सेक्शन 505 के अंतर्गत प्रकरण को खारिज करने के लिए जम्मू उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवीकर्ता थे वरिष्ठ अधिवक्ता अंकुर शर्मा। जबकि पुलिस की ओर से डेप्युटी अटॉर्नी जनरल थे। इस याचिका की सुनवाई और दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद न्यायालय ने पम्पोर पुलिस की एफआईआर को खारिज कर दिया।

क्या है प्रकरण?
दरअसल, 21 मई 2018 को नई दिल्ली में सीमा मुस्तफा ने एक सेमिनार आयोजित किया था। इसमें सुशील पंडित के साथ अन्य कश्मीरी पूर्व ब्यूरोक्रैट, पूर्व सेना अधिकारी, नेता, पत्रकार शामिल थे। इसी समय बारामुला से आए एक नेता ने जो इस सेमिनार में वक्ता भी थे, उन्होंने बताया कि 5 सीआरपीएफ जवान पम्पोर में शहीद हो गए हैं। इसे सुनकर सुशील पंडित ने ट्वीट कर दिया। जिस पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने टिप्पणी करते हुए कड़ी कार्रवाई करने की मांग करते हुए ट्वीट कर दिया

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.