देश में ओबीसी जनगणना नहीं होगी। केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि जातिगत जनगणना नहीं होगी। सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में इसे प्रशासनिक रुप से दुष्कर और कठिन बताते हुए जातिगत जनगणना कराने से इनकार किया है।
ओबीसी जनगणना को लेकर केंद्र का रुख काफी अहम है। इसका कारण यह है कि पिछले दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 10 पार्टियों के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और जाति आधारित जनगणना कराने की मांग की थी।
महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर हलफनामा
सर्वोच्च न्यायालय में दायर हलफनामे में सरकार ने कहा है कि सामाजिक, आर्थिक और जागिगत जनगणना 2011 में काफी गलतियां हैं। महाराष्ट्र की एक याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय में केंद्र सरकार ने यह हलफनामा दाखिल किया। महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार ने अपनी याचिका में केंद्र एवं अन्य संबंधित प्राधिकरणों से अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी से संबंधित एसईसीसी 2011 के आंकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग की। सरकार ने कहा कि कई बार आग्रह करने के बावजूद उसे वे आंकड़े उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं।
एसईसीसी 2011 सर्वेक्षण ओबीसी जनगणना नहीं
केंद्र सरकार ने इस पर अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा है कि एसईसीसी 2011 सर्वेक्षण ओबीसी जनगणना नहीं है,जैसा कि आरोप लगया जाता है, बल्कि वह देश में सभी घरों में जातीय स्थिति का पता लगाने की व्यापक प्रक्रिया थी। यह मामला 23 सितंबर को जस्टिस ए.एम. खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया। पीठ ने इसकी अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को निश्चित की गई है।