धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार मौलाना कलीम सिद्दीकी( 64) से पूछताछ में विदेशों से टेरर फंडिंग को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। ये फंडिंग हवाला रैकेट के जरिए होती थी। यूपी एटीएस से उससे पूछताछ से मिली जानकारी के आधार पर उसके तीन और सक्रिय सहयोगियो को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। कलीम की संस्था जामिया ईमाम वीलुल्ला ट्रस्ट में अब तक 20 करोड़ से ज्यादा की फंडिंग होने की जानकारी मिली है। इसके साथ ही ट्रस्ट से जुड़े चार और खातों की जांच की जा रही है। उसके द्वारा धर्मांतरण के लिए एक अवैध मदरसा चलाने का भी खुलासा हुआ है। एटीएस का कहना है कि बहुत जल्द कलीम के कुछ और सहयोगी उसकी गिरफ्त में होंगे।
फिलहाल गिरफ्तार किए गए तीन सहयोगियों में मुजफ्फरनगर के खतौली निवासी मु.इदरीस कुरैशी, मुजफ्फरनगर के ग्राम फुलत निवासी मु. सलीम और नासिक निवासी कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ शामिल है। एटीएस से मिली जानकारी के अनुसार ये तीनों धर्मांतरण के साथ ही विदेशों से हवाला रैकेट के जरिए फंडिंग भी कराते थे। एटीएस ने धर्मांतरण मामले में मौलाना उमर गौतम और मौलाना कलीम समेत अब तक 14 लोगों पर शिकंजा कस चुका है।
कुणाल से ऐसे बन गया आतिफ
एटीएस के आईजी जेके गोस्वामी के अनुसार कुणाल चौधरी मेडिकल की पढ़ाई करने रुस गया था और भारत में मेडिकल प्रैक्टिस के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की परीक्षा देने की तैयारी कर रहा था। उसी समय वह मौलाना कलीम के संपर्क में आया था। कलीम ने उसे यह परीक्षा पास कराने का लालच देकर अपने चंगुल में फंसा लिया था। उसके बाद उसका धर्मांतरण करा दिया गया था और वह कुणाल से आतिफ बन गया था। वह पिछले करीब दो वर्षों से अवैध धर्मांतरण के सिंडिकेट का सक्रिय सदस्य था।
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अवैध रुप से चलाता था क्लिनिक
मिली जानकारी के अनुसार वह एमसीआई की परीक्षा नहीं पास करने के बावजूद नासिक में अवैध रुप से अपना क्लिनिक चलाता था और वहां आने वाले लोगों को लालच देकर धर्मांतरण के लिए तैयार कराता था।
मेरठ से गिरफ्तार किया गया था कलीम
बता दें कि एटीएस ने 21 सितंबर को मौलाना कलीम को यूपी के मेरठ से गिरफ्तार किया है। उसके बाद से ही उससे गहन पूछताछ की जा रही है, जिसमें कई सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। फिलहाल उसके तीनों सहयोगियों की गिरफ्तारी के बाद इस गिरोह के कई और लोगों को गिरफ्तार किए जाने की संभावना है।