संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद के बीच केंद्र ने की यह अपील!

केंद्र के तीन कृषि कानूनों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पिछले साल 27 सितंबर को मंजूरी दी थी। इसे एक साल पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने 'भारत बंद' का आह्वान किया है।

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संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने 27 सितंबर को केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। बंद को राजनीतिक दलों सहित कई संगठनों का समर्थन प्राप्त है, और कुछ राज्यों में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पर इसका प्रभाव पड़ने की संभावना है। इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान नेताओं से बातचीत करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि किसान संगठन आंदोलन की राह छोड़कर केंद्र से वार्ता कर समस्या का समाधान तलाशें।

केंद्र के तीन कृषि कानूनों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पिछले साल 27 सितंबर को मंजूरी दी थी। इसे एक साल पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है।

इन भागों में बंद का असर
इस बीच दिल्ली बॉर्डर के साथ ही यूपी, हरियाणा और पंजाब में बंद का असर दिखने लगा है। लेकिन देश के शेष भाग में इसका कोई खास असर पड़ने के आसार नहीं हैं।

एसकेएम का दावा
एसकेएम ने दावा किया है कि देश भर में सभी सरकारी और निजी कार्यालय, शैक्षणिक तथा अन्य संस्थान, दुकानें, उद्योग  वाणिज्यिक प्रतिष्ठान इस दौरान बंद रखे जाएंगे। बंद सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक रहेगा और कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं होगा। हालांकि अस्पताल, दवा की दुकानों समेत सभी जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी। संयुक्त किसान मोर्चा ने आश्वासन दिया है कि बंद स्वेच्छा और शांति से रखा जाएगा।

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इन राजनीतिक दलों का बंद को समर्थन

  • पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि वे बंद का समर्थन करते हैं।
  • बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने स्पष्ट किया कि वे किसान संगठनों के राष्ट्रव्यापी बंद में भाग लेंगे।
  • आंध्र प्रदेश सरकार ने भारत बंद को अपना पूरा समर्थन दिया है। राज्य के परिवहन मंत्री पर्नी वेंकटरमैया ने कहा कि राज्य परिवहन निगम की बसों को 26 सितंबर की आधी रात से 27 सितंबर दोपहर तक बंद रखने का फैसला किया गया है।
  • तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक ने आंदोलन को सफल बनाने के लिए सभी से बंद में शामिल होने की अपील की है।
  • केरल में सत्तारूढ़ वाम मोर्चा ने भी किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है। पार्टी ने 25 सितंबर को घोषणा की कि वह संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बंद में शामिल होगी।
  • अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ ने भी बंद को अपना समर्थन देने की घोषणा की है। उन्होंने सरकार से किसानों से उनकी मांगों के बारे में संवाद करने और तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपील की।

शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस का समर्थन

  • राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस और शिवसेना ने भी केंद्र की किसान विरोधी और मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में किसान संगठनों के ‘भारत बंद’ को समर्थन दिया है।
  • कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले अकोला में आंदोलन में शामिल होंगे। बंद का राज्य के कुछ हिस्सों में असर होने की संभावना है क्योंकि महाविकास आघाड़ी के तीनों दलों ने बंद का समर्थन व्यक्त किया है।
  • शिवसेन का रुख स्पष्ट नहीं है। हालांकि औपचारिक रुप से उसका बंद को समर्थन प्राप्त है।
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