विश्व में हार्ट अटैक को लेकर हैरान और परेशान करनेवाली जानकारी सामने आई है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार दुनिया में एक तिहाई मौतें हृदय से संबंधित बीमारियों के कारण होती हैं। हमारा खान-पान और अन्य तरह की छोटी-बड़ी लापरवाही हमारी सेहत को जोखिम में डाल देते हैं।
हमारी अनियमित लाइफस्टाइल और खान-पान हमारे जीवन के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं। इसके कारण हम हार्ट स्ट्रोक, हार्ट अटैक, हाई बीपी, हार्ट क्लोटिंग जैसे अनेक बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
हर वर्ष दो करोड़ लोगों की मौत
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट में एक चौंकाने वाला सच सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार विश्व में 32 प्रतिश मौतें हार्ट से जुड़ी बीमारियों के कारण होती हैं। हृदय रोग से हर वर्ष विश्व में 179 मिलियन यानी लगभग दो करोड़ लोग दम तोड़ देते हैं। संगठन के अनुसार कार्डियोवास्कुलर डिसिजेज यानी सीवीडीएस इसका मुख्य कारण है। सीवीडी की हर पांच में से चार मौत हार्ट अटैक या स्ट्रोक से होती है। इस कारण एक तिहाई लोगों की मौत 70 साल से पहले ही हो जाती है।
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भारत में स्थिति खतरनाक
- विश्व स्वास्थ्य संगठन कि रिपोर्ट में इस बीमारी की भारत में स्थिति बेहद खतरनाक है।
- यहां हर चार बीमारियों से होने वाली मौतों में से एक मौत हार्ट अटैक के कारण होती है।
- शहरी लोगों से अधिक ग्रामीण इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।
- अब यह बीमारी 14 से 34 आयु वर्ग में भी बढ़ रही है।
- 45 से 60 के बीच के उम्र वाले इस बीमारी से ज्यादा शिकार हो रहे हैं।
- 2014 के बाद भारत में हार्ट अटैक में भारी वृद्धि हुई है।
- पिछले पांच वर्षों में हार्ट से जुड़ी बीमारियों और मौतों में 53 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- किशोर भी इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं।
कारण
- रहन-सहन, खान-पान और जीवन शैली मुख्य कारण
- शारीरिक निष्क्रियता, तंबाकू और शराब सेवन भी वजह