भारत अगले हफ्ते पाकिस्तान में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में तीन सदस्यीय टीम भेजेगा। यह बैठक 3 अक्टूबर को पाकिस्तान के नौशेरा जिले के पब्बी में स्थानीय आतंकवाद से निपटने के लिए बुलाई गई है। इस बैठक में आतंकवाद से लड़ने के लिए युद्ध अभ्यास आयोजित करने के संबंध में निर्णय लिए जाने की संभावना है।
बैठक का उद्देश्य एससीओ सदस्य देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग बढ़ाना है। भारत सरकार का मानना है कि बैठक में भाग लेने से पाकिस्तान को आतंकवाद का वैश्विक समर्थक बनाने के भारत के प्रयासों में बाधा नहीं आएगी। भारत की उपस्थिति में बैठक में सुरक्षा मुद्दों के साथ-साथ अफगानिस्तान और मध्य एशिया में क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी।
ये देश होंगे शामिल
रूस, भारत, चीन, पाकिस्तान और मध्य एशिया के चार देश संगठन के पूर्ण सदस्य हैं। अब ईरान भी एससीओ में शामिल हो गया है। इसलिए यह बैठक अफगानिस्तान में राजनीतिक स्थिति और वहां शांति स्थापित करने तथा सुरक्षा की दृष्टि से नीति निर्धारण के लिए काफी महत्वपूर्ण होगी।
ताशकंद में घोषणा
इस साल मार्च में ताशकंद में आरएटीएस की बैठक के बाद इस बैठक की घोषणा की गई थी। भारत भागीदारी के लिए हां कहने वाला अंतिम सदस्य देश है। एससीओ प्रोटोकॉल के मुताबिक पाकिस्तान ने भारत समेत अन्य सदस्य देशों को न्योता भेजा था। इसमें सैनिक शामिल नहीं होंगे। इस बैठक का मकसद आतंकी गतिविधियों को वित्तपोषित करने वालों को ढूंढना और रोकना है। बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के अधिकारियों द्वारा किए जाने की उम्मीद है।
पाकिस्तान से रिश्ते तनावपूर्ण
एससीओ की बैठक ऐसे समय हो रही है, जब इस साल फरवरी में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बनने के बावजूद दोनों देशों के बीच संबंध बेहद तनावपूर्ण रहे हैं। भारतीय सेना ने पिछले महीने पाकिस्तानी कमांडरों पर घुसपैठ में मदद करने का आरोप लगाया था। भारतीय सेना ने इस सप्ताह की शुरुआत में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास उरी सेक्टर में झड़प के बाद एक पाकिस्तानी आतंकवादी को गिरफ्तार भी किया है।