देश में कोरोना से राहत मिलते ही लोग लापरवाह होने लगे हैं। वे कोरोना के सामान्य नियमों को पालन करने से परहेज करने लगे हैं। इसके साथ ही पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ ही सामाजिक और राजनैतिक आयोजनों में वृद्धि होने लगी है। विशेषज्ञों ने लोगों की इस तरह की मानसिकता पर नाराजगी और चिंता जताते हुए चेतावनी दी है के इन कारणों से कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है।
शोधकर्ताओं ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि छुट्टियों के कारण पर्यटन स्थलों के साथ ही अन्य स्थानों पर जमा हो रही भीड़ तीसरी लहर की आशंका को 103 प्रतिशत तक बढ़ा सकती है। उस लहर में इन कारणों से संक्रमण के मामलों में 43 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।
इन्होंने जारी की चेतावनी
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी आइसीएमआर के बलराम भार्गव के साथ ही समीरन पांडा और संदीप मंडल तथा इंपीरियल कॉलेज लंदन के निमालन अरिनामिनपथी के गणितीय मॉडल की चेतावनी को परामर्श जनर्ल ऑफ ट्रैवल मेडिसिन में प्रकाशित किया गया है। अध्ययन के दौरान विशेषज्ञों ने भारत में एक काल्पनिक राज्य में कुछ दृश्यों को चित्रित किया, जिसे पहली और दूसरी लहरों में हिमाचल प्रदेश जैसा दिखाने के लिए बनाया गया था। उन्होंने कहा कि पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी और सामाजिक, राजनीतिक तथा धार्मिक गतिविधियों को लेकर जुटने वाली भीड़ के कारण जनसंख्या के घनत्व में वृद्धि कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को बढ़ा सकती है।
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लोगों से अपील
शोधकर्ताओं ने दूसरी लहर के दौरान मनाली और दार्जिलिंग जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों का हवाला देते हुए कहा कि पर्यटकों की उमड़ती भीड़ एक बार फिर तीसरी लहर का कारण बन सकती है। उन्होंने लोगों से सावधानी बरतने की अपील करते हुए कहा कि देश में तीसरी लहर से भयावह स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जो पहली और दूसरी लहर से ज्यादा तबाही मचा सकती है। उन्होंने लोगों से भीड़ से बचने के साथ ही मास्क और सामाजिक दूरी जैसे कोरोना से बचने के सामान्य नियमों पर अमल करने की अपील की।