प्रयागराज के ऐतिहासिक चंद्रशेखर आजाद पार्क को भी अवैध मुस्लिम कब्जेदारों ने नहीं छोड़ा। इसके विरुद्ध लंबे काल से आक्रोश था। जिसके विरोध में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई, इस पर आए निर्णय से राष्ट्राभिमानियों को बड़ी राहत मिली है। न्यायालय ने आदेश के पालन के लिए प्रयागराज जिला प्रशासन को तीन दिन का समय दिया है।
उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मुनिश्वर नाथ भंडारी और न्यायाधीश पीयूष अगरवाल ने जितेंद्र सिंह की याचिका पर आदेश दिया है। न्यायालय ने इस ऐतिहासिक धरोहर के प्रांगण में बनाए गए सभी मस्जिद और दरगाह को हटाने का आदेश दिया है।
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आदेश पर अनुपालन रिपोर्ट मांगा
न्यायालय ने आदेश दिया है कि चंद्रशेखर आजाद उद्यान (अल्फ्रेड पार्क) में वर्ष 1975 के बाद बने सभी निर्माणों को तत्काल हटाया जाए। इस संबंध में न्यायालय ने प्रायगराज जिला प्रशासन को एक अनुपालन रिपोर्ट भी 8 अक्टूबर को दायर करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने स्पष्ट रूप से अपने आदेश में इस 133 एकड़ में फैले उद्यान को अंतिक्रमण मुक्त करने को कहा है।
On Vishnu shankar Jain’s petition: Allahabad High Court orders removal of illegal mosque, mazar in Chandrashekhar Azad Park pic.twitter.com/pPRqXEqvKM
— Pushpendra Kulshrestha (@Pushpendraamu) October 5, 2021
याचिका ने खोला षड्यंत्र
याचिकाकर्ता जितेंद्र सिंह ने अधिवक्ता हरि शंकर जैन के माध्यम से उच्च न्यायालय के संज्ञान में चंद्रशेखर आजाद उद्यान का प्रकरण लाया। याचिका में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि इस उद्यान का कोई भी हिस्सा वक्फ बोर्ड के अधीन कभी नहीं रहा है।
मुस्लिम समुदाय के लोग धार्मिक स्थलों के लिए कब्जा करने के अपने नियमित तरीकों के अनुसार मस्जिद बनाने के प्रयत्न में हैं। वक्फ बोर्ड के इशारे पर उद्यान में कुछ फर्जी मजार (कब्रस्तान) भी बनाई गई हैं।
स्वतंत्रता क्रांति की ऐतिहासिक धरोहर
प्रयागराज में स्थित चंद्रशेखर आजाद उद्यान स्वतंत्रता समर की ऐतिहासिक धरोहर है। इस उद्यान में 27 फरवरी 1931 को चंद्रशेखर आजाद ने अंग्रेजों से अंतिम लड़ाई लड़ी थी। आयु के 24 वर्ष में इस लड़ाई के दौरान उन्होंने अपने प्राणों की अहुति दे दी।