पिछले कुछ दिनों से कश्मीर घाटी में निर्दोष और निहत्थे हिंदुओं को निशाना बनाए जाने की घटना को केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया है। उसने मासूमों की हत्या में संलिप्त आतंकियों को सबक सिखाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। निहत्थे और निर्दोष लोगों की हत्या करने वाले आतंकियों को अब केंद्र सरकार ने चुन-चुनकर मारने की योजना तैयार की है। इसके लिए उसने अपने टॉप आतंक-रोधी एक्सपर्ट्स की टीम को कश्मीर घाटी में भेजी है। ये स्थानीय पुलिस की सहायता से पाक समर्थित आंतकियों का सफाया करने में प्रशासन की मदद करेंगे।
7 अक्टूबर को श्रीनगर के ईदगाह क्षेत्र स्थित स्कूल में दो अल्पसंख्यक समाज के शिक्षकों की हत्या किए जाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने काफी देर तक बैठक की और कश्मीर के हालात की समीक्षा की। इस बैठक मे घाटी में आतंकियों की बढ़ती सक्रियता को कुचलने के लिए कई गोपनीय रणनीति बनाए जाने की बात कही जा रही है।
हमले में लश्कर-ए-तैयबा समर्थित द रेजिस्टेंस फोर्स का हाथ
पिछले पांच दिनों में हुए हमले में लश्कर-ए-तैयबा समर्थित द रेजिस्टेंस फोर्स का हाथ बताया जा रहा है। आतंक रोधी एक्सपर्ट्स को घाटी में भेजने के साथ ही सुरक्षा एजेंसियों को षड्यंत्रकारियों को गिरफ्तार करने का भी निर्देश दिया है। शाह खुद आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के निगरानी कर रहे हैं। इसके आलावा राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों की अन्य आतंक रोधी दस्ते भी कश्मीर पहुंच गए हैं।
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पाकिस्तान का नापाक इरादा
टॉप सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि पिछले दिनों के हमलों में पिस्टल का इस्तेमाल किया गया है। ये सीमा पार से ड्रोन से घाटी में गिराए गए होंगे। कश्मीर घाटी में पिछले पांच दिनों में सात मासूमों की हत्या कर दी गई है। यह खूनखराबा ऐसे समय में फिर से शुरू किया गया है, जब घाटी तेजी से शांति बहाली की ओर अग्रसर है और यहां पर्यटक बड़ी संख्या में आ रहे हैं। घाटी में हमला बढ़ाकर पाकिस्तान वहां फिर से अव्यवस्था फैलाने की फिराक में है। इसके साथ ही वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की छवि खराब करने की कोशिश करना चाहता है।