लखीमपुर खीरी हिंसा के बाद कांग्रेस की बढ़ी ताकत? जानिये, क्या कहते हैं पीके

यूपी की लखीमपुर खीरी हिंसा के बाद कांग्रेस का किसानों से कुछ ज्यादा ही लगाव दिख रहा है। कांग्रेस के आक्रामक रुख को देखते हुए कहा जा रहा है कि उसकी शक्ति बढ़ रही है

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देश के उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस काफी आक्रामक दिख रही है। खास कर यूपी की लखीमपुर खीरी हिंसा के बाद उसका किसानों से कुछ ज्यादा ही लगाव दिख रहा है। कांग्रेस के आक्रामक रुख को देखते हुए कहा जा रहा है कि कांग्रेस की शक्ति बढ़ रही है लेकिन चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने इस तरह के किसी भी आकलन को गलत ठहराया है।

प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर लखीमपुर हिंसा के बाद कांग्रेस की वापसी के तौर पर राजनीतिक आकलन को गलत ठहराया है। उन्होंने इसे गलतफहमी करार दिया है। पीके ने ट्वीट कर कहा, ‘जिन लोगों को लगता है कि लखीमपुर कांड के कारण कांग्रेस की नेतृत्व में विपक्ष वापसी करने जा रहा है, वे गलतफहमी में हैं।’

बता दें कि प्रशांत किशोर को कांग्रेस में महत्वपूर्ण पद दिए जाने की चर्चा है, लेकिन इस तरह के उनके बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि वे तटस्थ हैं और फिलहाल उनकी किसी भी पार्टी में शामिल होने का इरादा नहीं है। हालांकि पीके ने इस ट्वीट में कहीं भी कांग्रेस का नाम नहीं लिखा है। उन्होने ट्वीट में कांग्रेस के बजाय जीपीओ यानी ग्रैंड ओल्ड पार्टी लिखा है। इससे ये साफ है कि उनका संकेत कांग्रेस की तरफ है।

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