2020 कोरोना कोरोना महामारी के नाम रहा। अब बहुत जल्द 2021 का भी जल्द ही आगमन होनोवाला है। मार्च से शुरू हुआ कोरोना का कहर कमोबेश अब तक जारी है। दुनिया उम्मीदों पर कायम है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि अगला साल इस तरह की परेशानियों का सामना नही करना पड़ेगा,लेकिन राज्य के स्वास्थ्य सेवा विभाग ने लोगों की इस उम्मीद पर पानी फेर दिया है। संचनालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार अगले साल का जनवरी-फरवरी का महीना लोगों का स्वागत कोरोना की दूसरी लहर कर सकती है। इस खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से राज्य के सभी जिला और महानगरपालिका प्रशासन को पूर्व तैयारी करने का निर्देश दिया है।
दूसरी लहर आने की आशंका
स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि वर्तमान में राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी आ रही है। लेकिन यूरोपीय देशों में कोरोना की दूसरी लहर जारी है। यूरोपीय देशों की तरह भारत में भी जनवरी-फरवरी में इस महामारी की दूसरी लहर आने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
बैठक में तैयारी करने का निर्देश
5 नवंबर को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के साथ इस बारे में चर्चा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की एक बैठक हुई थी। बैठक में कोरोना की दूसरी लहर के मद्देनजर प्रशासन को राज्य भर में सावधानी बरतने और तैयारी करने के निर्देश दिए गए।
महत्वपूर्ण निर्णय
- कोरोना संक्रमितों की संख्या कम होने के बावजूद जांच काम युद्ध स्तर पर जारी रखने का निर्णय
- फ्लू जैसी बीमारियों के बढ़ने पर उस क्षेत्र में जांच प्रकिया तेज करने और घर-घर जाकर जांच करने का निर्णय
- सुपर स्प्रेडर यानी जिससे कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने की आशंका है, ऐसे लोगों का सर्वेक्षण कर इनकी जांच और इलाज करने का निर्णय
- सुपरसप्रेडर में ज्यादातर किराना दुकानदार, सब्जीवाले, फेरीवाले, होटल मालिक-स्टाफ, घर-घर दूध पहुंचानेवाले, रिक्शा चालक, सुरक्षारक्षक और गैस सिलिंडर पहुंचानेवाले जैसे लोग लोग शामिल
- कोरोना महामारी के मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी संबंधित जिला प्रशासन को दी गई
- जरुरत के अनुसार बेड उपलब्ध कराने का निर्देश
- जिला और महानगरपालिका स्तर पर टास्क फोर्स संक्रमण के बारे में जानकारी लेगी
- संक्रमितों की संख्या के अनुसार ङर शहर में 5-7 अस्पतालों को कोरोना अस्पताल घोषित किया जाएगा
- सरकारी चिकित्सीय महाविद्यालयों के अस्पतालों और प्रत्येक शहर के प्रभाग/तालुका विभाग में एक कोविड अस्पताल आरक्षित रखने
- दवा व अन्य साधन-सुविधाओं के साथ ही ऑक्सीजन सिलिंडर के बफर स्टॉक रखने
- 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों और अन्य जोखिम वाले लोगों को विशेष रुप से सावधानी बरतने और कम से कम लोगों से संपर्क में रहने का दिशानिर्देश
- दिवाली में पटाखे जलाने से निकले धुएं से कोरोना मरीजों को सांस लेने की समस्या हो सकती है, इस बात का ध्यान रखना जरुरी है