असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने वोट बैंक की राजनीति के लिए कुछ भी करने वाले नेताओं के विपरीत एक विशेष बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी को मियां का वोट नहीं चाहिए। पूर्वी बंगाल के मूल के मसुलमानों को असम में मियां कहा जाता है।
सीएम सरमा ने कहा कि असम में भाजपा को बंगाली मूल के मुसलमानों के वोटों की आवश्यकता नहीं है। मुझे मियां मुस्लिम का वोट नहीं चाहिए। हम सद्भाव के साथ रहते हैं। मैं उनके पास वोट मांगने नहीं जाता और वे भी मेरे पास नहीं आते हैं।
इतिहास का बोझ लेकर जी रहा हूंः सीएम
सरमा ने कहा कि असम के बहुत-से लोगों का मानना है कि अप्रवासी मुसलमानों के कारण असम ने अपनी पहचान और भूमि खो दी है। सीएम ने कहा कि असम में पहले समुदाय आधारित राजनीति नहीं थी। असम में अतिक्रमण इसलिए हो रहा था क्योंकि यहां अप्रवासी मुसलमानों की संख्या बढ़ रही थी। सरमा ने कहा कि प्रदेश के लोग सोचते हैं कि यह सब स्वतंत्रता के पहले ही शुरू हुआ था। मैं इतिहास का यह बोझ अपने साथ लेकर जी रहा हूं। उन्होंने कहा कि राज्य में अवैध कब्जे को हटाना का अभियान आगे भी चलता रहेगा।
Our war against drugs is comprehensive, and so is our assault on poaching.#IndiaTodayConclave pic.twitter.com/T2bDYkOHvV
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) October 9, 2021
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‘अतिक्रमण हटाने का अभियान जारी रहेगा’
बता दें कि असम के सिपाझार में पिछले महीने अतिक्रमण हटाने गए पुलिस पर भीड़ ने हमला कर दिया था। इसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। सरमा ने इसके पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का हाथ बताया था। उन्होंने कहा था कि पीएफआई दरंग जिले के धौलपुर में तीसरी ताकत के रुप में काम कर रहा था। उसने अवैध अतिक्रमणकारियों को भड़काकर पुलिस पर हमला कराया। हालांकि एक बार फिर उन इलाकों में अवैध निर्माण को तोड़कर खाली कराने का अभियान शुरू कर दिया गया है। इसी क्रम में हजारों बीघा जमीन को खाली करा लिया गया है।