क्या राजस्थान के पीड़ितों को भी गले लगाएंगे राहुल-प्रियंका गांधी?

क्षेत्रफल के मामले में देश के सबसे बड़े प्रदेश राजस्थान में वैसे तो आपराधिक घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं, लेकिन अगर नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी के आंकड़ों की बात करें तो वे काफी सनसनीखेज हैं।

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उत्त प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा मुद्दा हाथ लग गया है। वह उस मुद्दे को किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहती। इसका कारण यह है कि उस मुद्दे को भड़काने से उसको चुनाव में अपना भला दिख रहा है। वह मुद्दा है लखीमपुर खीरी का। कांंग्रेस इस मुद्दे के दम पर उत्तर प्रदेश के साथ ही पंजाब और उत्तराखंड के चुनाव में बाजी मारने का सपना पाल रही है। इसलिए उसे छत्तीसगढ़ के कवर्धा में हिंदुओं पर हो रहे आत्याचार, पंजाब में ईसाई धर्मांतरण का बढ़ना और राजस्थान में दलितों पर अत्याचार तथा महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध नहीं दिखते।

उत्तर प्रदेश की कांग्रेस को बड़ी चिंता है, क्योंकि यहां भारतीय जनता पार्टी का शासन है और हिंदू होने पर गर्व करने वाले योगी आदित्यनाथ यहां के मुख्यमंत्री हैं। हालांकि अब राहुल- प्रियंका गांधी के भी हिंदू अवतार दिखाने का वक्त आ गया है। इसलिए अगले कुछ दिनों में राहुल जनेऊधारी बन सकते हैं और वे मंदिरों में जाकर अपने को कट्टर हिंदू साबित करने की कोशिश भी कर सकते हैं। वैसे प्रियंका गांधी ने तो यह रुप धारण करना भी शुरू कर दिया है। वो अब हिंदू बन चुकी हैं और चंदन लगाने के साथ ही मंदिरों में भी चक्कर लगा रही हैं।

पीड़ितों को गले लगाने का मौका
लखीमपुर खीरी कांड के बाद जहां पंजाब कांग्रेस सक्रिय दिख रही है, वहीं राजस्थान के जादूगर कहे जाने वाले कांग्रेसी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी यह मौका बड़ा शानदार लग रहा है। बीमार चल रहे गहलोत अब इस मुद्दे पर काफी सक्रिय हो गए हैं। उन्हें लखीमपुर खीरी प्रकरण देश को हिला देने वाला लग रहा है। लेकिन अपने ही राज्य में दलितों के साथ हो रहे अन्याय-अत्याचार और महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध उन्हें नहीं दिखते। ऐसे पीड़ितों को गले लगाने की जरुरत राहुल-प्रियंका भी नहीं समझते क्योंकि यहां उनकी पार्टी का शासन है और यहां अभी चुनाव में भी देरी है।

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सनसनीखेज हैं एनसीआरबी के आंकड़ें
क्षेत्रफल के मामले में देश के सबसे बड़े प्रदेश राजस्थान में वैसे तो आपराधिक घटनाएं कोई नई बात नहीं है, लेकिन अगर नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी के आंकड़ों की बात करें तो वे काफी सनसनीखेज हैं।

  • 2021 में अब तक दलितों के साथ अपराध के 6,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
  • इनमें से मात्र आधे मामले में आरोपियों को सजा मिली है।
  • वर्ष 2019 में यहां 6,794 दलितों पर अत्याचार के मामले हुए थे।
  • वर्ष 2020 में यह आंकड़ा बढ़कर 7,017 हो गया।
  • ताजा मामलों में 24 दिनों में तीन दलितों की पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया।
  • 26 सितंबर को अलवर में एक दलित युवक की खेत में ले जाकर हत्या कर दी गई

मुसमलमानों ने 15 सितंबर को अलवर में ही योदेश की हत्या कर दी।

दलितों की बेटियां भी कांग्रेस राज में असुरक्षित

  • 2020 में देश में सबसे ज्यादा बलात्कार के मामले राजस्थान में हुए।
  • यहां इस वर्ष 5,310 रेप की घटनाएं दर्ज की गईं। जो देश के सभी राज्यों से अधिक हैं।

अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं
इन आंकड़ों को देखकर अंदाज लगाना मुश्किल नहीं है कि कांग्रेस पार्टी के राज में राजस्थान में दलितों और महिलाओं के साथ किस तरह के जुर्म किए जा रहे हैं। लेकिन ये सब न प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दिखते हैं और राहुल तथा प्रियंका गांधी को,क्योंकि ये उनकी पार्टी की सरकार वाले प्रदेश में हो रहे हैं। उन्हें यूपी में लखीमपुर खीरी कांड के साथ ही और भी बहुत-सी समस्याएं दिखती हैं, क्योंकि इससे उन्हें राजनीतिक स्वार्थ सधने की उम्मीद है। लेकिन जनता राजनीति के सब खेल समझती है और वक्त पर सही फैसला करती है।

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