2022 में भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे हो जाएंगे। इसके उपलक्ष्य में देश में कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किए जाने की योजना बनाई गई है। अब इस अवसर पर होनेवाले एक आयोजन में ब्रिटेन भी शामिल हो गया है।
ब्रिटेन काउंसिल दोनों देशों की कला और संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए इंडिया-यूके टूगेदर 2022 -प्रोजेक्ट शुरू करेगी। इस प्रोजक्ट में दोनों देशों के नए कलाकारों को साथ मिलकर कार्य करने और मिली-जुली संस्कृति को विकसित करने में मदद मिलेगी।
ढाई करोड़ का प्रोजेक्ट
इस प्रोजेक्ट पर कुल ढाई करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसके तहत दोनों देशों के कलाकार मिलकर काम करेंगे और कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। इसमें स्थानीय संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाएगा। यह जानकारी काउंसिल ने एक बयान जारी कर दी है।
डेनमार्क हरित ट्रांजिशन पर भारत के साथ
डेनमार्क भी हरित क्रांति की साझेदारी में भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने 11 अक्टूबर को कहा कि भारत और डेनमार्क हरित ट्रांजिशन पर कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। उन्होंने कहा कि समृद्ध भविष्य के लिए दोनों देश एक दृष्टिकोण साझा करेंगे। नई दिल्ली में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन द्वारा आयोजित द इंडिया-डेनमार्क ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप कार्यक्रम में फ्रेडरिक्सन ने कहा कि ग्रीन ट्रांजिशन के मुद्दे पर भारत और डेनमार्क एक साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि हम हरित, उज्जवल और अधिक समृद्ध भविष्य के लिए दृष्टिकोण साझा करेंगे।
पंचवर्षीय योजना पर सहमत
दोनों देश एक पंचवर्षीय योजना पर भी सहमत हो गए हैं, जो यह बताती है कि हरित रणनीति को जमीन पर कैसे उतारा जाएगा। डेनमार्क ट्रापिकल इलाके के बार अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की पुष्टि करने वाला पहला देश है। फिलहाल इसमें 124 देश शामिल हो गए हैं। गठबंधन का प्राथमिक उद्देश्य जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करना और सौर ऊर्जा की खपत को बढ़ाना है। फ्रेडरिक्सन तीन दिवसीय भारत दौरे पर हैं।