राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी के आंकड़ों में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020 में पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज 99 प्रतिशत मामलों में पीड़ित कम उम्र की लड़कियां थीं। इससे स्पष्ट होता है कि किशोरियां अपराधियों के निशाने पर हैं।
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामलों में से 28,058 में पीड़ित कम उम्र की लड़कियां थीं। यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा यानी पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामलों के विश्लेषण से यह पता चला कि 16 से 18 वर्ष आयु वर्ग की लड़कियां सबसे अधिक 14,092 यौन अपराध की शिकार हुईं, जबकि 12 से 16 आयु वर्ग की लड़कियों की संख्या 10,949 थी।
99 प्रतिशत से अधिक मामलों में पीड़ित कम उम्र की लड़कियां
लड़के और लड़कियां दोनों ही अपराध के शिकार हुए लेकिन एनआरसीबी की आंकड़ों के अनुसार सभी आयु वर्ग में लड़कों की तुलना में लड़कियों का यौन शोषण अधिक हुआ। एनआरसीबी द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार पॉक्सो एक्ट के तहत 2020 में दर्ज मामलों में 99 प्रतिशत से अधिक मामलों में पीड़ित कम उम्र की लड़कियां थीं।
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विश्व भर में की जाती है लड़कियों के अधिकार की बात
क्राई ने इन आंकड़ो को देखते हुए कहा कि विश्व भर में लड़कियों के अधिकारों की बात की जाती है, फिर भी वे समाज में सबसे ज्यादा असुरक्षित और पीड़ीत हैं। क्राई के पॉलिसी रिसर्च एंड एडवोकेसी की निदेशक प्रीति मेहरा ने कहा कि यह समझना जरुरी है कि सुरक्षा संबंधी चुनौतियों के साथ ही शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा, गरीबी आदि से जुड़े पहलू भी महत्वपूर्ण हैं और कम उम्र की लड़कियों के सशक्तिकरण में इनका महत्वपूर्ण रोल है।