जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के जंगलों में पिछले आठ दिनों से सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। सेना और पुलिस सूत्रों का मानना है कि घुसपैठियों को पाकिस्तानी कमांडो द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। पिछले 11 अक्टूबर को शुरू हुई इस मुठभेड़ में हमारे एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) सहित कुल नौ जवान हुतात्मा हो गए हैं।
हाल के वर्षों में जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना के लिए इस तरह के संघर्ष काफी घातक बन गए हैं। खास बात यह है कि यहां अब तक किसी आतंकी का शव नहीं मिला है। इसलिए यह भी स्पष्ट नहीं है कि इस मुठभेड़ में कोई आतंकवादी मारा गया है या नहीं।
तलाशी अभियान जारी
पुंछ में आठ से नौ किलोमीटर के इस घने जंगल में भारतीय सेना ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है। जंगल को पूरी तरह से घेर लिया गया है और दोनों ओर से अभी भी भारी गोलीबारी जारी है। सबसे पहले पुंछ के डेरा वाली गली में 10 अक्टूबर की रात आतंकियों के साथ मुठभेड़ में हमारे जेसीओ समेत पांच जवान हुतात्मा हुए थे। उसके बाद आतंकियों की तलाश में सेना के जवान 14 अक्टूबर को पुंछ के नर खास के जंगल में गए थे। यहां छिपे आतंकियों ने हमला कर दिया था। हमले में दो और सैनिक हुतात्मा हो गए। लापता एक जेसीओ और एक जवान का शव 16 अक्टूबर को मिला था।
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पाकिस्तानी कमांडो के शामिल होने का शक
भारतीय सेना के हजारों जवान पिछले आठ दिनों से पाकिस्तानी प्रशिक्षित आतंकियों से संघर्ष कर रहे हैं। इसमें पाकिस्तानी कमांडो के शामिल होने की भी संभावना है। इस बीच सेना ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और ऑपरेशन को पैरा कमांडो तथा सेना के हेलीकॉप्टरों की मदद से अंजाम दिया जा रहा है। सेना का लक्ष्य है कि ऑपरेशन में कितना भी समय लगे, लेकिन हमारे एक भी जवान को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।