किसान आंदोलन पर सर्वोच्च टिप्पणी, “आपको विरोध करने का अधिकार लेकिन…!”

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दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों को सड़क से हटाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान एक बार फिर किसानों को फटकाकर खानी पड़ी। किसानों के हाईवे जाम करने पर न्यायालय ने कहा कि किसानों को आंदोलन और विरोध करने का अधिकार है, लेकिन सड़कों को लंबे समय के लिए अवरुद्ध किया जाना गलत है। न्यायालय ने फिलहाल उस याचिका पर किसान यूनियनों को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अब मामले की सुनवाई 7 दिसंबर को होगी।

मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एसके कौल ने टिप्पणी की कि सड़कें खाली होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम बार-बार कानून नहीं तय कर सकते। आपको विरोध करने का अधिकार है लेकिन आप सड़क को अनिश्चित काल के लिए बंद नहीं कर सकते। अब कुछ समाधान निकालना ही होगा। हमें सड़क बंद होने से समस्या है।

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याचिका में क्या है?
दरअस्ल याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि नोएडा से दिल्ली को जोड़ने वाली सड़कें किसान आंदोलन के कारण बंद हैं। इस कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन सड़कों को खाली कराया जाना चाहिए। इससे पहले की सुनवाई ने न्यायालय ने केंद्र ससरकार से कहा था कि आखिर अब तक सड़कें बंद क्यों हैं, प्रदर्शन करने मे कोई बुराई नहीं है लेकिन सड़कें खाली होनी चाहिए।

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