तो क्या डॉक्टर, नर्स ही कोरोना योद्धा?

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कोविड-19 संक्रमितों का इलाज करनेवाले कोरोना योद्धाओं का 50 लाख रुपए का बीमा केंद्र सरकार और मुंबई मनपा ने करने की घोषणा की थी। लेकिन जब बीमा की रकम दिवंगत कोरोना योद्धाओं के परिवारों को देने की बात आई तो केंद्र सरकार की सूची में मात्र डॉक्टर और नर्स ही पाए गए हैं। इसको लेकर अब प्रश्न उठ खड़ा हुआ है कि क्या कोरोना योद्धा मात्र यही दोनों पदों के लोग माने जाएंगे।

कोविड-19 का संक्रमण कुछ-कुछ मंद पड़ने लगा है। यद्यपि दिल्ली में नई लहर की आशंका है लेकिन इस संक्रमण में 70 प्रतिशत बीमारों की संख्या जोड़नेवाले 10 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में से 9 की स्थिति अब नियंत्रण में दिखने लगी है। इसमें एक और बड़ा परिवर्तन ये है कि अब कोविड-19 से ठीक होनेवाले बीमारों की दर 92 प्रतिशत तक पहुंच गई है। यह आंकड़े सरकार के लिए राहत की बात हैं। लेकिन ये उन कोरोना योद्धाओं के परिवारों के लिए मुसीबत बन गया है जिन्होंने सेवा के दौरान अपने प्राण गंवाए हैं। इसका कारण ये है कि केंद्र सरकार की नीति अब कुछ-कुछ बदलने लगी है। कोविड-19 संक्रमितों की सेवा में लगे स्वास्थ्य कर्मियों को केंद्र सरकार ने 50 लाख का बीमा देने की घोषणा की थी। लेकिन अब जब नौ महीनों के कठिन परिश्रम, महामारी के भयंकर खतरे से जूझते हुए कोरोना योद्धा स्वास्थ्य कर्मियों ने जब अपने प्राण न्योछावर कर दिये तो सरकार की दृष्टि बदल गई है। उसने भले ही घोषणा की थी स्वास्थ्य कर्मियों के लिए 50 लाख के बीमा पॉलिसी की लेकिन उसकी यह सूची डॉक्टर, नर्स तक की सिमट कर रह गई है। इस स्थिति में राज्य सरकार के लिए संकट खड़ा हो गया है। एक ही अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर और नर्स को बीमा की रकम मिलेगी लेकिन उसी अस्पताल में कार्य कर रहे दूसरे स्वास्थ्य कर्मी, पुलिस कर्मचारी आदि को ये राशि नहीं दी जाएगी।

तो होगा कोरा आश्वासन…

मुंबई महानगर पालिका के किसी कर्मचारी के सेवा के दौरान प्राण गंवाने पर उसके परिवार को 50 लाख रुपए की बीमा राशि की सहायता देने की घोषणा आयुक्त इकबालसिंह चहल ने की थी। इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने भी इस प्रकार की घोषणा की थी। घोषणा के अनुसार स्वास्थ्य विभाग के अलावा महामारी काल में कार्यरत सभी मनपा कर्मचारियों को इस बीमा योजना के अंतर्गत लाने की बात थी। इसके अलावा पुलिस और मनपा में संविदा पर कार्य करनेवाले कर्मी भी शामिल थे।

केंद्र सरकार के नियमानुसार कुछ कर्मियों को आर्थिक सहायता नकारी गई है। इसके लिए मनपा की ओर से सरकार को पत्र भेजा गया है। इसमें जिन कर्मियों को केंद्र सरकार से लाभ मिलेगा उन्हें छोड़कर प्राण गंवानेवाले बाकी के कर्मियों के परिवारों को मनपा 50 लाख रुपए देगी। इसमें वही कर्मी सम्मिलित हैं जिनकी मृत्यु कोविड-19 संक्रमितों की सेवा के दौरान हुई है।

मिलिन सावंत, सह आयुक्त, मुंबई मनपा

कोविड-19 सेवा में सभी कर्मी लगे रहे

महामारी काल में संक्रमितों की सेवा में डॉक्टर, नर्स, वॉर्ड ब्वाय के अलावा अस्पताल के अन्य कर्मी भी लगे रहे। इन कर्मियों की संक्रमण से मृत्यु पर न्यू इंडिया इन्श्योरेन्स कंपनी के द्वारा बीमा राशि का भुगतान किया जाना है। बीमा के नियमानुसार जिन कर्मियों की मृत्यु 16 दिन के सेवाकाल के बाद हुई है उन्हीं के परिवार को बीमा राशि का भुगतान किया जाएगा। इससे बड़ी संख्या में अपने प्राण गंवानेवाले कर्मचारी इससे वंचित हो रहे हैं। इसके अलावा महामारी काल और लॉकडाउन में पर्जन्य जल अभियंता, घनकचरा विभाग, मलवाहिनी, जलवाहिनी विभागों के कर्मी भी लगातार सेवा दे रहे थे। कोविड-19 के प्रादुर्भाव से इन विभागों के कर्मियों की जान गई हैं। लेकिन इनके परिवारों की मदद पर अब आनाकानी हो रही है।

अब तक 171 की मृत्यु

मुंबई महानगर पालिका के लगभग 2900 कर्मचारियों को कोविड-19 संक्रमण का सामना करना पड़ा है। इसमें 171 कर्मचारियों की संक्रमण से मृत्यु हो गई। जिसमें से 79 कर्मचारियों का बीमा दावा बीमा कंपनियों के पास भुगतान के लिए भेजा जा चुका है। अब तक 12 कर्मचारियों को ही भुगतान हो पाया है।

 

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