‘न रहेगा बांस, न बजेगी बांसुरी’ वाले लाइन पर कश्मीर सरकार काम रही है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है आतंक के सहयोगियों को आगरा भेजा जाना। इसके पहले प्रशासन ने सरकारी नौकरी पर तैनात उन लोगों को निकाल बाहर किया था, जो आतंकी संगठनों के लिए ऑन ग्राउण्ड वर्कर की तरह काम करते थे।
कश्मीर सरकार ने 26 आतंक समर्थकों को आगरा भेजने का निर्णय लिया है। ये सभी लोग कश्मीर में ऑन ग्राउंड वर्कर के रूप में काम कर रहे थे। इसके पहले राज्य सरकार ने सरकारी सेवा में काम करनेवाले आतंकी समर्थकों को निकाल बाहर किया था।
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