महाराष्ट्र में सभी प्रार्थना स्थल खुल गए हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने दो दिन पहले ही घोषणा की थी। सीएम ने कहा था कि मंदिर, प्रार्थना स्थल खुलें ये सरकार का ही निर्णय नहीं बल्कि ईश्वर की इच्छा है।
इस निर्णय के अनुरूप दीपावली के पांचवे और अंतिम दिन से महाराष्ट्र के प्रार्थना स्थल खुल गए।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि, दिपावली का शुभ त्योहार चल रहा है। संस्कृति के अनुसार अभ्यंगस्नान और नरकासुर वध हुआ। लेकिन वर्ष भर से कोरोना रूपी जिस नरकासुर ने विपत्ति खड़ी कर रखी है वो अब कम होता दिख रहा है लेकिन इसमें असावधानी नहीं चलेगी। महाराष्ट्र पर साधु-संत, देवी-देवताओं की हमेशा कृपा रही है। लेकिन अनुशासन के पालन के अंतर्गत होली, गणेशोत्सव, नवरात्रि, पंढरपुर की वारी आदि नहीं हुई।
महाराष्ट्र में पिछले कई महीनों से मंदिर खोलने की मांग को लेकर राजनीति हो रही है। मंदिर खोलने के लिए पुजारियों ने कई बार आंदोलन भी किया। पुजारियों का कहना है कि, लंबे समय से मंदिरों के बंद रहने से हमारे सामने आजीविका का संकट पैदा हो गया है। महाराष्ट्र भाजपा ने भी पुजारियों के आंदोलन का समर्थन किया था। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फड़णवीस की पत्नी अमृता फड़णवीस ने मंदिर खोलने को लेकर उद्धव ठाकरे पर जमकर निशाना साधा था।
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