नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े ने अपने कर्तव्य पालन में कुछ राजनीतिज्ञों से परेशान होकर मुंबई पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि कुछ लोग उन्हें झूठे केस में फंसाने का षड्यंत्र रच रहे हैं।
बता दें कि उनके खिलाफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक कथित रुप से बयानबाजी कर रहे हैं और उन्हें जेल में डालने की धमकी दे रहे हैं। हालांकि समीर वानखेड़े ने उनके सभी आरोपों को गलत बताते हुए कहा है कि आप मंत्री हैं, अपने आरोपों की जांच करा सकते हैं।
पत्र में क्या है?
पत्र में लिखा गया है कि उन्हें इस बात की जानकारी मिली है कि कुछ अज्ञात लोग हाई प्रोफाइल रेव पार्टी को लेकर उन पर गलत आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने के साथ ही झूठे केस में फंसाने का षड्यंत्र रच रहे हैं। उन्होंने नवाब मलिक का नाम लिए बिना लिखा है कि कुछ बड़े पदों पर बैठे लोग उन्हें नौकरी से हटाने और जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं। उन्होंन यह भी लिखा है कि इस बात पर गौर किया जाना चाहिए कि एनसीबी के डिप्टी डायरेक्टर जनरल मुथा अशोक जैन ने प्रभाकर सैल के आरोप को विभाग के डायरेक्टर जनरल के पास जांच के लिए भेज दिया है। पत्र में समीर वानखेड़े ने पुलिस आयुक्त से गलत उद्देश्य से लगाए जा रहे आरोपों पर कोई भी कार्रवाई न करने का अनुरोध किया है।
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लेनदेन का आरोप
आर्यन खान ड्रग्स केस में गवाह होने का दावा करने वाले प्रभाकर सैल ने एनसीबी पर 18 करोड़ रुपए की डील करने के साथ ही रेव पार्टी के आरोपियों से कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवाने का आरोप लगाया है। एनसीबी अधिकारी मुथा अशोक जैन के अनुसार प्रभाकर सैल का हलफनामा सोशल मीडिया के जरिए उनके पास पहुंचा है। खुद को किरण गोसावी का अंगरक्षक बताने वाले प्रभाकर सैल ने दावा किया है कि उसने गोसावी और सैम डिसूजा की बातचीत सुनी थी, जिसमें 8 करोड़ रुपए समीर वानखेड़े को देने की बात कही गई थी।