प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ नगर में प्रदेश की पूर्व सरकारों पर निशाना साधा। पीएम ने कहा कि उन्होंने भ्रष्टाचार की साइकिल दौड़ाई और हमने सेहत की सौगात दी है। जिस पूर्वांचल में उन्होंने लोगों की सेहत के लिए कोई काम नहीं किया और उन्हें बीमारी से जूझने के लिए छोड़ दिया, वह अब देश का मेडिकल हब बन रहा है। यहां अब देश को बीमारी से बचाने के लिए डॉक्टर तैयार किए जाएंगे।
पीएम ने पूर्व की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने छोटी-मोटी स्वास्थ्य सेवाओं का शिलान्यास किया भी होगा, तो उसका काम पूरा नहीं हुआ। इसका कारण है कि उस सरकार ने लोगों के लिए नहीं, अपने परिवार के लिए काम किया।
भोजपुरी बोलकर जीता लोगों का दिल
इस दौरान पीएम मोदी भोजपुरी बोलकर लोगों के दिलों में उतर गए। उन्होंने कहा,” हम आप सभै के प्रणाम करत हई। महात्मा बुद्ध क पावन धरती सिद्धार्थ नगर मा आप सभय कय प्रणाम करते हय। महात्मा बुद्ध जवन धरती पै आपन पहिले कय जीवन बिताईन, वोही धरती से नौ मेडिकल कॉलेज कय उद्घाटन होय रहिल। स्वस्थ व निरोग भारत कय सपना पूरा करे के बदे ई एक बड़ा कदम हय।”
पूर्व सरका की आलोचना
7 साल पहले जो दिल्ली में सरकार थी और 4 साल पहले जो यहां यूपी में सरकार थी, वो पूर्वांचल में क्या करती थी? जो पहले सरकार में थे, वो वोट के लिए कहीं डिस्पेंसरी की, कहीं छोटे-मोटे अस्पताल की घोषणा करके बैठ जाते थे। उसके बाद सालों-साल तक या तो बिल्डिंग ही नहीं बनती थी, बिल्डिंग होती थी तो मशीनें नहीं होती थीं, दोनों हो गईं तो डॉक्टर और दूसरा स्टाफ नहीं होता था। ऊपर से गरीबों के हजारों करोड़ रुपए लूटने वाली भ्रष्टाचार की साइकिल चौबीसों घंटे अलग से चलती रहती थी।
पहले ऐसा इसलिए नहीं होता था..
क्या कभी किसी को याद पड़ता है कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में कभी एक साथ इतने मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण हुआ हो? बताइए, क्या कभी ऐसा हुआ है? पहले ऐसा क्यों नहीं होता था और अब ऐसा क्यों हो रहा है, इसका एक ही कारण है- राजनीतिक इच्छाशक्ति और राजनीतिक प्राथमिकता।
सीएम योगी की प्रशंसा
यूपी के भाई-बहन भूल नहीं सकते कि कैसे योगी जी ने संसद में यूपी की बदहाल मेडिकल व्यवस्था की व्यथा सुनाई थी।योगी जी तब मुख्यमंत्री नहीं थे, सांसद थे। आज यूपी के लोग ये भी देख रहे हैं कि जब योगी जी को जनता-जनार्दन ने सेवा का मौका दिया तो कैसे उन्होंने दिमागी बुखार को बढ़ने से रोक दिया, इस क्षेत्र के हजारों बच्चों का जीवन बचा लिया।सरकार जब संवेदनशील हो, गरीब का दर्द समझने के लिए मन में करुणा का भाव हो तो इसी तरह काम होता है।
पूर्वांचल को बदनाम करने का आरोप
जिस पूर्वांचल की छवि पिछली सरकारों ने खराब कर दी थी, जिस पूर्वांचल को दिमागी बुखार से हुई दुखद मौतों की वजह से बदनाम कर दिया गया था, वही पूर्वांचल, वही उत्तर प्रदेश, पूर्वी भारत को सेहत का नया उजाला देने वाला है।
9 मेडिकल कालेजों से ये होंगे लाभ
9 नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण से, करीब ढाई हजार नए बेड्स तैयार हुए हैं, 5 हजार से अधिक डॉक्टर और पैरामेडिक्स के लिए रोजगार के नए अवसर बने हैं। इसके साथ ही हर वर्ष सैकड़ों युवाओं के लिए मेडिकल की पढ़ाई का नया रास्ता खुला है।
ये भी पढ़ेंः धर्मनिरपेक्ष है मोदी सरकार! केंद्रीय मंत्री ने दिखाया आंकड़ों का आईना
स्वर्गीय माधव प्रसाद त्रिपाठी के नाम पर कॉलेज
आज केंद्र में जो सरकार है, यहां यूपी में जो सरकार है, वो अनेकों कर्मयोगियों की दशकों की तपस्या का फल है।सिद्धार्थनगर ने भी स्वर्गीय माधव प्रसाद त्रिपाठी के रूप में एक ऐसा समर्पित जनप्रतिनिधि देश को दिया, जिनका अथाह परिश्रम आज राष्ट्र के काम आ रहा है। सिद्धार्थनगर के नए मेडिकल कॉलेज का नाम माधव बाबू के नाम पर रखना, उनके सेवाभाव के प्रति सच्ची कार्यांजलि है। माधव बाबू का नाम यहां से पढ़कर निकलने वाले युवा डॉक्टरों को जनसेवा की निरंतर प्रेरणा भी देगा।
पहले कभी नहीं हुआ इतना काम
आजादी के बाद के लंबे कालखंड में आरोग्य पर, स्वास्थ्य सुविधाओं पर उतना ध्यान नहीं दिया गया, जितनी देश को जरूरत थी। देश में जिनकी लंबे समय तक सरकारें रहीं, उन्होंने देश के हेल्थकेयर सिस्टम के संपूर्ण विकास के बजाय, उसे सुविधाओं से वंचित रखा।