महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार के सत्ता में आने के बाद उसने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ड्रीम प्रोजेक्ट जलयुक्त शिवार अभियान में हुई अनियमितताओं की जांच की घोषणा की थी, लेकिन इस जांच में उस योजना को क्लीन चिट दे दी गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस योजना के कारण किसानों को काफी लाभ हुआ है और उनकी फसलों का पैदावार बढ़ गया है।
राज्य सरकार के जल संरक्षण विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार, जलयुक्त शिवार( तालाब) योजना से किसानों के जीवन स्तर में भी सुधार आया है। कैट की रिपोर्ट में योजना में गड़बड़ी के आरोप लगाए गए थे। अब, इस योजना के तहत किए गए 58,000 से अधिक कार्यों की समीक्षा के बाद, कैट की रिपोर्ट में की गई आपत्ति को खारिज कर दिया गया है।
क्या कहती है कैग की रिपोर्ट?
कैग की रिपोर्ट में कहा गया था कि इस योजना में तकनीकी त्रुटियां थीं। इसके साथ ही काम में भी अनियमितताएं थीं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि योजना का उद्देश्य हासिल नहीं किया गया। हालांकि आघाड़ी सरकार के जल संरक्षण विभाग ने कैग के सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।
क्या है जल संरक्षण विभाग की रिपोर्ट?
इस बीच, जलयुक्त शिवार( तालाब) योजना के तहत किए गए कार्यों से खरीफ और रबी सीजन की फसलों के लिए सिंचाई की सुविधा हुई है। जल संरक्षण विभाग ने एक रिपोर्ट में कहा कि जल स्तर बढ़ गया और काम पारदर्शी तरीके से किया गया।
सत्य की जीत – सुधीर मुनगंटीवार
इस योजना को ठाकरे सरकार द्वारा क्लीन चिट दिए जाने के बाद भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा है कि सच्चाई की जीत होती है। उन्होंने कहा, ‘एक जगह त्रुटि के आधार पर पूरी योजना को बदनाम करना गलत है, जो ठाकरे सरकार ने किया।’