नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के क्रूज ड्रग्स पार्टी मामले में तथाकथित गवाह किरण गोसावी को 28 अक्टूबर को पुणे में गिरफ्तार किया गया है। वह लोगों को विदेश में नौकरी दिलाने का लालच देकर ठगता था। इसी आरोप में उसे पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उससे एक घंटे तक पूछताछ की, जिसमें उसने कई राज खोले हैं।
यह था उसका मोडस ऑपरेंडी
पूछताछ में किरण गोसावी ने पुलिस को बताया कि वह लोगों को सचिन पाटील के नाम से अपना परिचय देता था। वह इसी नाम से उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक होटल में रहता था। इसके साथ ही वह खुद को एनजीओ का सदस्य होने का भी दावा करता था। वह लोगों को बताता था कि वह स्टॉप क्राइम ऑर्गनाइजेशन और सिप्का संगठन का सदस्य है। उसका निर्यात-आयात का व्यापार है। इसके साथ ही वह जॉब प्लेसमेंट भी करता है। पुणे के पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता ने बताया है कि उसके किरण गोसावी के बताए मोडस ऑपरेंडी की जांच की जा रही है।
पुलिस आयुक्त ने दी जानकारी
किरण गोसावी की गिरफ्तारी के बाद शहर के पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता ने बताया कि गोसावी ने हमें यह नहीं बताया था कि वह पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करेगा। उसने इस बारे में हमसे संपर्क भी नहीं किया था। गुप्ता ने बताया कि गोसावी ने कहा है कि उसे यह नहीं मालूम था कि उसके बारे मे मीडिया में क्या कुछ चल रहा है। इसलिए हमें मीडिया पर भरोसा करके कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। हमने उससे पता किया है कि वह 10 दिनों से कहां था। उससे मिली जानकारी के अनुसार वह हैदराबाद और लखनऊ में रह रहा था। हम पूरे मामले की जांच कर रहे हैं।
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चिन्मय से मिली मदद
पुलिस आयुक्त ने बताया कि गोसावी की धोखाधड़ी के शिकार हुए चिन्मय देशमुख ने इस मामले में हमारी काफी मदद की। उन्होंने हमें जो जानकारी दी है, उसके अनुसार जांच कर कार्रवाई करेंगे। हमने गोसावी द्वारा की गई धोखाधड़ी के मामले पर ध्यान केंद्रित किया है। आर्यन खान मामले पर हमारा कोई फोकस नहीं है। उन्होंने कहा कि फिलहाल एनसीबी ने हमसे संपर्क नहीं किया है।