प्रसिद्ध कैंसर सर्जन डॉ.राजेन्द्र बडवे को नेल्सन मंडेला नोबेल पीस अवार्ड मिलेगा। यह पुरस्कार उन्हें कैंसर के इलाज के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए दिया जा रहा है। इस क्षेत्र में कार्य का उनका 35 वर्षों से अधिक का अनुभव रहा है।
टाटा अस्पताल के निदेशक डॉ.राजेंद्र बडवे ने टाटा अस्पताल का नेतृत्व डॉ.के.ए दिनशॉ से संभाला। इसके पहले वे विभिन्न संस्थानों और विदेशों में भी काम कर चुके हैं। टाटा कैंसर अस्पताल में सेवाएं देते हुए उनका प्रयत्न रहा है कि आर्थिक रूप से सभी की पहुंच में कैंसर का इलाज और दवाइयां हों। वे टाटा अस्पताल के निदेशक और सर्जिकल ओंकोलॉजी विभाग के प्रमुख हैं।
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छात्र जीवन
डॉ.राजेंद्र बडवे मेधावी छात्र गिने जाते थे, गणित में उनकी पकड़ के लिए आठल्ये मैडल फॉर मैथ्स से सम्मानित हो चुके हैं। इसके बाद उन्होंने उपचार क्षेत्र की राह अपना ली और दोराब टाटा स्कॉलरशिप के अंतर्गत एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद बॉम्बे युनीवर्सिटी से उन्होंने मेडिकल सर्जरी में पोस्ट ग्रेजुएशन किया।
विदेशों में भी दे चुके हैं सेवा
टाटा मेमोरियल अस्पताल के पहले डॉ.राजेन्द्र बडवे ने विदेशों में भी सेवाएं दी हैं। वे टोक्यो के टोरोनोमोन अस्पताल में सेवा दे चुके हैं, इसके अलावा लंदन के गाय्स अस्पताल, किंग्स कॉलेज लंदन स्कूल ऑफ मेडिसिन और रॉयल मार्सडेन अस्पताल में सेवाएं दी हैं।
नेल्सन मंडेला नोबेल पीस अवॉर्ड 2021
यह एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है, जो विभिन्न क्षेत्रों की सफल विभूतियों को प्रदान किया जाता है। इसमें वरिष्ठ अधिवक्ता उज्ज्वल निकम, अनूप जलोटा, श्रीपाद यशो नाईक, धनराज पिल्लई, आदि का नाम है।