धर्मांतरण रैकेट में यूपी के आईएएस की होगी गिरफ्तारी? एसआईटी की रिपोर्ट में कई सनसनीखेज खुलासे

आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के सरकारी आवास पर धर्मांतरण के बारे में चर्चा करने और कुछ लोगों को बहकाकर इसके लिए तैयार करने का वीडियो प्रकाश में आने के बाद सरकार ने दो सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है।

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वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के धर्मांतरण रैकेट के बारे में लगातार नए -नए खुलासे हो रहे हैं। पिछले दिनों पूर्व आयुक्त और उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अध्यक्ष इस आईएएस का एक नया वीडियो सामने आया था। इसमें वह अपने सरकारी आवास पर धर्मांतरण से जुड़े मुल्ला-मौलवियों के साथ चर्चा कर रहा था। इस मामले के प्रकाश में आने के बाद यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन किया। उसकी जांच में पता चला है कि पूर्व मंडल आयुक्त के धर्मांतरण का नेटवर्क प्रदेश के 8 जिलों तक फैला हुआ था और उसने अब तक दर्जनों लोगों के धर्मांतरण में अहम भूमिका निभाई है।

धर्मांतरण मामले में एसआईटी को कई सबूत बरामद हुए हैं। उसने अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। अब मामले में सरकार क्या कार्रवाई करती है, यह देखने वाली बात है।

सननीखेज खुलासे
बता दें कि आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के सरकारी आवास पर धर्मांतरण के बारे में चर्चा करने और कुछ लोगों को बहकाकर इसके लिए तैयार करने का वीडियो प्रकाश में आने के बाद सरकार ने महानिदेशक सीबीसीआइडी जीएल मीणा की अध्यक्षता और एडीजी जोन भानु भाष्कर की सदस्यता वाली दो सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी को जांच के दैरान कुल 80 वीडियो प्राप्त हुए हैं। इसके साथ ही मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन की लिखी हुई 7 पुस्तकें भी हाथ लगी हैं।

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कई जिलों में फैला था उसका नेटवर्क
एक मामले में उस पर सीटीएस बस्ती वालों ने इस्लामी धर्मांतरण के लिए दबाव डालने के आरोप लगाए थे। उसने उन्हें धर्मांतरण नहीं करने पर कानूनी मामलों में फंसाने की धमकी भी दी थी। अब नई जानकारी के अनुसार उसके द्वारा कानपुर में सचेंडी गांव में धर्मांतरण कराने का खुलासा हुआ है। इसके साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों मे उसका नेटवर्क फैला हुआ था। सहारनपुर और मुजफ्फपुर आदि जिलों मे वो भी सक्रिय था।

“किए पर कोई पछतावा नहीं”
हैरत की बात यह है कि उसने अपनी करतूतों को स्वीकार भी कर लिया है। एसआईटी की पूछताछ में उसने कहा है कि अपने किए पर उसे कोई पछतावा नहीं है। उसने अपने ऊपर लग रहे ज्यादातर आरोपों को सही माना है। इसके बावजूद अभी तक उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है। बता दें कि एसआईटी ने उसके सरकारी आवास पर तैनात कर्मचारियों से बातचीत कर भी मामले में जानकारी ली है।

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