पिछले कुछ समय से घाटी में हालात बिगड़े हैं। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद यहां तेजी से सामान्य हो रहे माहौल आंतकियों के आका पाकिस्तान की नींद चुरा रही थी। इस कारण उसने आतंकवाद को बढ़ावा देने की दिशा में प्रयास तेज कर दिए। भले ही बड़ी संख्या में आतंकी ढेर कर दिए गए, लेकिन उनके कायरतापूर्ण हमले में घाटी के 44 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। इनमें 13 नागरिक भी शामिल हैं।
आतंकी वारदातों में वृद्धि के बाद सुरक्षाबलों ने भी कार्रवाई तेज कर दी है और अक्टूबर में 19 आतंकी ढेर कर दिए गए। लेकिन हमारे 12 सुरक्षाकर्मी भी हुतात्मा हो गए। इसके साथ ही 13 नागरिकों की भी जान चली गई। इनमे पांच बाहरी मजदूर भी शामिल हैं।
मासूम लोगों को बनाया आतंकियों ने निशाना
दरअस्ल कश्मीर में ऐसे लोगों को भी अब आंतकियों ने निशाना बनाना शुरू कर दिया है, जिन्हें इससे पहले सुरक्षित माना जाता था। इसी क्रम में एक स्कूल प्रिंसिपल और एक शिक्षक की हत्या कर दी गई। इसके साथ ही तीन मजदूरों को भी मार दिया गया। इन कारणों से घाटी से बड़े पैमाने पर लोगों का पलायन शुरू हो गया। एक अनुमान के तहत घाटी से अब तक 400 परिवार पलायन कर चुके हैं।
आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई तेज
आतंकियों के खिलाफ सुरक्षबलों ने कार्रवाई तेज कर दी है। पिछले करीब 20 दिनों में राजौरी-पुंछ के जंगलों में सुरक्षाबलों ने आतंकियों को घेर रखा है और अब तक के 14 मुठभेड़ों में 19 आतंकी ठोक दिए गए हैं। इसके साथ ही सरकार ने उनकी मदद करने वालों और अन्य तरह से समर्थन करने वालों पर भी कहर बरपाना शुरू कर दिया है। ऐसे लोगों पर ऐक्शन लेते हुए सरकार ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया है।
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अमित शाह के दौरे के बाद से शांति
अच्छी बात यह है कि जबसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का जम्मू-कश्मीर का दौरा हुआ है, तब से वहां माहौल शांत है। पिछले दिनों शाह इस केंद्र शासित प्रदेश के तीन दिवसीयदौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा समेत कई अधिकारियों के साथ बैठकें की थीं। समझा जा रहा है कि शाह ने उन्हें आतंकियों के सफाए के सख्त आदेश दिए हैं।
वे इस दौरान शहीद पुलिसकर्मी अहमद डार के परिजनों से भी मिले थे और उन्हें कहा था कि सरकार और प्रशासन उनके साथ है। फिलहाल शाह की रणनीति का मूल्यांकन करने के लिए जम्मू-कश्मीर की गतिविधियों का इंतजार करना पड़ेगा।