ये बिल्डरों की बीएमसी है!

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दहिसर में करोड़ों रुपए के भूखंड घोटाले का कथित रुप से पर्दाफाश होने से बीएमसी के साथ ही महाराष्ट्र सरकार में भी भूचाल आ गया है। मिली जानकारी के अनुसार बीएमसी ने अजमेरा बिल्डर्स से इस जमीन की खरीदी प्रक्रिया शुरू की है। फिलहाल 900 करोड़ रुपए में खरीदी गई इस जमीन के 349 करोड़ रुपए बीएमसी ने बिल्डर्स को दे भी दिए हैं। पूरी तरह अतिक्रमण कर अवैध कब्जे की इस जमीन को बीएएमसी द्वारा खरीदे जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कई तरह के सवाल उठाए हैं और इसकी जांच की मांग की है।

पहले बीएमसी ने खरीदने से कर दिया इनकार
यह जमीन दहिसर एक्सर गांव में स्थित है। मुंबई के नये विकास प्रारुप के अनुसार ये जमीन गार्डन, मैदान और अन्य सार्वजनिक उपयोग के लिए आरक्षित थी। इसलिए तत्कालीन आयुक्त अजोय मेहता और प्रवीण परदेसी ने इसे खरीदने से साफ इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि इसे टीडीआर और एएआरए योजना के तहत बीएमसी अपने कब्जे में लेगी। लेकिन बाद में उसी जमीन को बीएमसी ने 900 रुपए में खरीदकर मुंबईकरों के टैक्स के पैसे को बिल्डर्स की तिजोरी में डालकर यह साबित कर दिया कि यह बीएमसी बिल्डरों की है।

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किरीट सोमैया का आरोप
भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने इस सौदे में कथित रुप से एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश होने का दावा किया है। सोमैया द्वारा लगाए गए आरोप के अनुसार अल्पेश अजमेरा (निशल्प रियल्टी बिल्डर) ने इस जमीन को 2.55 करोड़ रुपए में मास्करनहास परिवार से खरीदी थी। उसे पता था कि यह जमीन पूरी तरह से अवैध रुप से अतिक्रमण कर कब्जे में ली गई है। तीन महीने बाद उसने बीएमसी को इसे खरीदने का ऑफर दिया, लेकिन तब बीएमसी ने उसके ऑफर को ठुकरा दिया।

उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण के दूसरे दिन सौदे पर लगी मुहर
सोमैया के मुताबिक उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री पद के शपथ ग्रहण के दूसरे दिन यह सौदा बीएमसी ने मंजूर कर लिया। 28 नवंबर 2019 को उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के पद का शपथ ग्रहण किया और ठीक एक दिन बाद 29 नवंबर को बीएमसी ने 900 रुपए में इस सौदे पर मुहर लगा दी और इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी। उस प्रक्रिया के तहत अबतक बीएमसी बिल्डर्स को 349 करोड़ दे चुकी है। सोमैया ने इसमें उद्धव सरकार की मिलीभगत होने का आरोप लगाया है।

भाजपा ने की जांच की मांग
भारतीय जनता पार्टी ने इसे बड़ा घोटाला बताते हुए जांच की मांग की है। बीएमसी में विरोधी पक्ष के नेता रवि राजा ने 11 नवंबर 2020 को बीएमसी आयुक्त इकबालसिंह चहल को पत्र लिखा है। उन्होंने इस मामले की जांच करने और अदलत का दरवाजा खटखटाने की मांग की है।

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