अयोध्या 12 लाख दीयों से जगमगा रही है। इसके पहले भगवान राम, सीता और लक्ष्मण और हनुमान की वेशभूषा धारण किये कलाकारों का पूजन संपन्न हुआ। जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों संपन्न हुआ। इसके बाद विदेशी राजदूतों ने भगवान राम का मंगल तिलक कर आशीर्वाद ग्रहण किया।
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जिस देश में भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए वर्षों से सत्ताधीशों, न्यायालय और कारसेवा के माध्यम से प्रयत्न किया जा रहा था। उस रामलला का वर्तमान दैदिप्यमान है, अयोध्या में भगवान राम की उस जन्मस्थली में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। वहां का वर्तमान भव्य दीयों से प्रखर ज्योति लिए जगमगा रहा है, यही नहीं उस पावन धरा पर अब हिंदुओं के ही सिर नमन नहीं करते बल्कि विदेशियों के सिर भी नमित होते हैं। यह परिवर्तन भले ही हमारी न्यायपालिका के उस ऐतिहासिक आदेश के बाद आया हो लेकिन विदेशियों को भारत भूमि में झुकाने का दम ऐसे ही नहीं आया…
#WATCH | Ambassadors of Vietnam, Kenya and Trinidad and Tobago to India perform 'Rajtilak' of artists playing characters of Lord Ram, Lord Laxman and Goddess Sita during Diwali celebrations in Ayodhya pic.twitter.com/daScJJ31H5
— Sanjay Gupta (@thesanjayg) November 3, 2021
मोदी हैं तो मुमकिन है…
यह एक जुमला बन गया था… लेकिन इसकी सार्थकता इतनी प्रखर है कि जुमला जीवित हो गया है। ग्लासगोव की धरती हो, अमेरिका का हाउडी मोदी हो या संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की बुलंद वाणी हो सबके सब एक साथ भारत की जयकार कर रहे हैं। विदेशी धरती पर भारत की बुलंदी ऐसे ही नहीं आई। यह उस सोने की चिड़िया की धमक है जो सशुप्तावस्था में थी, इसे जागृत किया गया पिछले सात वर्षों में। जिसकी परिणति है कि विदेशी शीष भी अयोध्या की भूमि पर नमन करने लगे हैं। अयोध्या में श्रीराम के राजतिलक में त्रिनिदाद, केनिया, टोबैगो और वियतनाम के राजदूतों ने हिस्सा लिया।