शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। पत्र में लिखा गया है, “प्रधानमंत्री मोदी के अलावा भाजपा के पास चुनाव जीतने के लिए कोई चेहरा नहीं है। इसलिए पार्टी के नेताओं को ज्यादा उड़ना नहीं चाहिए। अगर सात साल में लोगों का विश्वास सच में जीत लिया जाता तो पार्टी के लिए सिर्फ ‘मोदी मोदी’ करने का समय नहीं आता। मोदी ने कहा कि यह पार्टी परिवारोन्मुख नहीं है। परिवार उन्मुख होने और व्यक्ति उन्मुख होने में कोई अंतर नहीं है। ये एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।”
व्यक्ति केंद्रित पार्टी
पत्र में आगे लिखा गया है, “भाजपा में मोदी-शाह के अलावा और कोई बात नहीं करता। राष्ट्रीय कार्यकारिणी आदि सब मुखौटे हैं। अब भारतीय जनता पार्टी के संगठन से बचे सभी वरिष्ठ नेताओं को ‘बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स’ में बैठा दिया गया है। आडवाणी ने भारतीय जनता पार्टी के निर्माण और उसे मजबूत करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। अटल बिहारी वाजपेयी और आडवाणी ने देश के लोगों का विश्वास जीता था। व्यक्ति-केंद्रित सत्ता की शक्ति केवल दो- चार लोगों के हाथ में होती है और वही उसका परिवार होता है।”
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365 दिन सिर्फ चुनाव के बारे में सोचती है भाजपा
मुखपत्र में हमला जारी रखते हुए लिखा गया है, ” 2022 में पांच राज्यों मे विधानसभा चुनाव होने हैं। कार्यकारिणी की बैठक में सब निर्णय उसे देखते हुए लिए गए हैं। कुल मिलाकर बैठक में राजनीति, सत्ता, मोदी के भजन-कीर्तन के अलावा कुछ नहीं हुआ। भाजपा हमारे देश की सबसे बड़ी चुनी हुई पार्टी है। साल में 365 दिन वह सिर्फ चुनाव के बारे में सोचती है। देश के सामने कई सवाल हैं। उन मुद्दों पर वह विचार करने की कोई जरुरत नहीं समझती।”