एसटी कर्मियों की हड़ताल जारी! क्या निगम का राज्य सरकार में होगा विलय?

महाराष्ट्र के 250 एसटी डिपो के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। इस कारण बसों का संचालन नहीं हो पाने से यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।

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महाराष्ट्र राज्य परविहन निगम यानी एमएसआरटीसी के कर्मचारियों की निगम द्वारा कई हड़ताली कर्मियों के निलंबन की कार्वाई के बावजूद हड़ताल जारी है। इसी क्रम में राज्य के 250 एसटी डिपो के कर्मचारी हड़ताल पर हैं। इस कारण बसों का संचालन नहीं हो पाने से यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। इसके साथ ही निगम को अब तक भारी आर्थिक चपत भी लग चुकी है। इस बीच परिवहन मंत्री और एमएसआरटीसी के अध्यक्ष अनिल परब ने महाराष्ट्र एसटी कर्मचारी संयुक्त कार्रवाई समिति के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर हड़ताल समाप्त करने की अपील की है। यह मुलाकात सह्याद्रि गेस्ट हाउस में 10 नवंबर को हुई है।

निगम द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि हड़ताल के कारण निगम को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसलिए हड़ताल को तत्काल वापस लिया जाए। विज्ञप्ति में हड़ताली कर्मियों को चेतावनी देते हुए कहा गया है कि अभी भी देर नहीं हुई है।

अब तक 918 कर्मचारी निलंबित
दूसरी ओर एमएसआरटीसी ने इस हड़ताल को अवैध बताते हुए इसमें शामिल 542 और कर्मचारियों को 10 नवंबर को निलंबित कर दिया है। इससे पहले 9 नवंबर को भी 376 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया था। कुल मिलाकर अब तक 918 एसटी कर्मचारियों को हड़ताल में शामिल होने के लिए निलंबित कर दिया गया है।

बॉम्बे उच्च न्यायालय में याचिका
इसके साथ ही कुछ हड़ताली कर्मचारियों और यूनियन नेताओं के खिलाफ बॉम्बे उच्च न्यायालय में निगम के आदेश का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए अवमानना की याचिका दायर की गई है। न्यायालय ने उन्हें इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। फिलहाल इस मामले की अगली सुनवाई 15 नवंबर को होगी।

रैली निकालकर आवाज बुलंद की
इस बीच राज्य भर के सैकड़ों कर्मचारियों ने मुंबई के आजाद मैदान में रैली कर अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद की है। उनकी मांगों में सबसे प्रमुख एसटी निगम को राज्य सरकार के अधीन करने की है। सरकार ने इस बारे में विचार करने का आश्वासन दिया है लेकिन कर्मचारी इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाने की मांग कर रहे हैं।

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अब तक 300 करोड़ से ज्यादा का नुकसान
इस बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एसटी कर्मियों से हड़ताल खत्म करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि इस तरह की हड़ताल से सबसे ज्यादा गरीब लोग प्रभावित होते हैं। उन्होंने विपक्ष पर राजनीतिक लाभ के लिए एसटी कर्मचारियों को उकसाने का आरोप लगाया है। बता दें कि घाटे में चल रहे एसटी के सभी 250 डिपो बंद हैं और एसटी कर्मचारियों के 28 अक्टूबर से ही हड़ताल पर रहने के कारण निगम को अब तक तीन सौ से ज्यादा करोड़ रुपए का नुकासना हो चुका है।

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