जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठनों की कमर तोड़ने की दिशा में सरकार ने कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। उनकी मौजूदगी को पूरी तरह खत्म करने के अभियान के तहत केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है। इसके लिए वहां बड़े पैमाने पर अतिरिक्त बलों को तैनात किया जा रहा है। इसके साथ ही तकनीक के प्रयोग से आतंकियों की निगरानी और पहचान करने के लिए भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
सीआरपीएफ की अतिरिक्त 30 और बीएसएफ की 25 कंपनियां तैनात
मिली जानकारी के अनुसार घाटी में आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन को और प्रभावी बनाने के साथ ही उसके खतरों से निपटने की रणनीति पर भी काम किया जा रहा है। आतंकियों द्वारा की जा रही टारगेट किलिंग को रोकने और लोगों में विश्वास बढ़ाने की दिशा में लगातार काम किए जा रहे हैं। इसी क्रम में बड़े पैमाने पर ओवर ग्राउंड वर्कर को पकड़ा गया है। घाटी में सीआरपीएफ की अतिरिक्त 30 और बीएसएफ की 25 कंपनियों की तैनाती की जा रही है।
भीड़ में भी पहचान लिए जाएंगे आतंकी
फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी से लैस आधुनिक कैमरे घाटी के महत्वपूर्ण स्थानों पर लगाए जा रहे हैं। ये कैमरे भीड़ में छिपे आतंकियों को भी पहचानने में मददगार साबित होंगे। इसकी शुरुआत श्रीनगर से की गई है। सुरक्षाबलों की सक्रियता के कारण बड़े पैमाने पर आतंकी मारे और पकड़े जा रहे हैं। इसके बावजूद वे जान हथेली पर लेकर आतंकी कार्रवाई को अंजाम दे रहे हैं।
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ये आतंकी संगठन सक्रिय
एनआईए यहां आतंकी साजिश रचने के मामले में अब तक 27 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। फिलहाल एजेंसी का मानना है कि नई दिल्ली से लेकर जम्मू-कश्मीर तक लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिद्दीन, अल बद्र और इस तरह के कई आतंकी संगठन सक्रिय हैं। इनके अन्य सहयोगी संगठन रेसिस्टेंस फ्रंट और पीपल्स अंगेस्ट पासिस्ट फोर्सेज के आतंकी भी लोगों और सुरक्षाकर्मियों को अपना निशाना बना रहे हैं।