भारतीय जनता पार्टी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने महाराष्ट्र के अमरावती में हुई हिंसा पर बोलते हुए कहा कि अमरावती में जो कुछ हुआ, वह स्वाभाविक प्रतिक्रिया थी कि ‘हिंदू मार नहीं खाएगा’। उन्होंने कहा, ‘हम सच बोलने से कभी नहीं डरते। उन्होंने अमरावती की सड़कों पर उतरे 15-20 हजार मुसलमानों पर आपत्ति जताई। पाटील के इस बयान के बाद अब एक नया विवाद छिड़ गया है।
चंद्रकांत पाटील ने कहा, “यह पता नहीं चला है कि घटना त्रिपुरा में हुई या नहीं। उसकी प्रतिक्रिया अमरावती में होती है। मैं उसकी प्रतिक्रिया में जिला कलेक्टर को दिए गए विरोध पत्र, भूख हड़ताल, प्रदर्शन तथा बयानों को समझ सकता हूं। लेकिन 15-20 हजार लोग सड़क पर क्यों उतर आए? पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता और अन्य लोगों के दफ्तरों और दुकानों को तोड़े जाने का उस घटना से क्या संबंध है? इसमें किसका हाथ है? 13 नवंबर की हिंसा में अगर भाजपा का हाथ है तो क्या 12 नवंबर की हिंसा में संजय राउत का हाथ है?”
त्रिपुरातील कथित घटनेवरून परवा जे झालं त्याची उत्स्फूर्त प्रतिक्रिया काल उमटली. परवा जे झालं त्या घटनांतील खऱ्या मोहऱ्यांना अटक करा ! pic.twitter.com/tiAmp2z45c
— Chandrakant Patil (@ChDadaPatil) November 14, 2021
हिंदू मार नहीं खाएगा, स्वाभाविक प्रतिक्रिया
पाटील ने कहा, “13 नवंबर को अमरावती में प्रतिक्रिया एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया थी कि हिंदू मार नहीं खाएगा। आप कह सकते हैं कि मैं उकसा रहा हूं, लेकिन हम सच बोलने से कभी नहीं डरते। हम बालासाहब ठाकरे को वैसे ही सलाम करते हैं, जैसे संघ प्रमुख को करते हैं। अगर बालासाहब ठाकरे ने ऐसा हंगामे को नहीं रोका होता तो मुंबई में हिंदू 1993 के दंगों से नहीं बचते।”
बालासाहब ने हिंदुओं की रक्षा कीः पाटील
पाटील ने कहा,”महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष के रूप में, मैं खुले तौर पर स्वीकार करूंगा कि अगर बालासाहब ठाकरे ने ’93 के दंगों के दौरान हिंदुओं की रक्षा नहीं की होती, तो मुंबई में कोई हिंदू को बचा नहीं पाता। लेकिन उस शिवसेना के वारिस अब अमरावती, नांदेड़, मालेगांव में हुई हिंसा के बारे में बात नहीं करेंगे।
Join Our WhatsApp Community१९९३ साली मुंबईत घडलेल्या दंगलीमध्ये हिंदुहृदयसम्राट बाळासाहेब ठाकरे यांनी बोटचेपी भूमिका घेतली नाही म्हणूनच मुंबईतील हिंदू जिवंत राहिला. परवा त्रिपुरातील कथित घटनेवरून घडलेल्या घटनांवर बाळासाहेबांचे वारसदार कुठलीही ठोस भूमिका घेत नाहीत हे धक्कादायक आहे. pic.twitter.com/O1vZMqy6xF
— Chandrakant Patil (@ChDadaPatil) November 14, 2021