ऐसा इस्लामी रिसर्च नहीं चलेगा… केंद्र सरकार की बड़ी कार्रवाई

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की है। इसमें कहा गया है कि, इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन ऐसे कार्यों में संलिप्त है जो गैरकानूनी है और देश के धर्मनिर्पेक्ष ढांचे को क्षति पहुंचाता है।

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जहरी जाकिर नाईक की जहर फैलानेवाली शिक्षा पर लगा प्रतिबंध आगे बढ़ गया है। केंद्र सरकार ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया है। यह संस्था आतंकी गतिविधियों को समर्थन और धार्मिक उन्माद भड़काने का कार्य करती रही है।

जाकिर नाईक की संस्था है इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन, जो वर्तमान समय में मलेशिया से काम करती है। इस पर 5 साल के लिए प्रतिबंध बढ़ाया गया है। इस संस्था के विरुद्ध पहली प्रतिबंधात्मक कार्रवाई 17 नवंबर, 2016 को की गई थी। गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपीए) के अंतर्गत पहली कार्रवाई इस संस्था पर हुई थी।

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इसलिए बढ़ा प्रतिबंध
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की है। इसमें कहा गया है कि, इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन ऐसे कार्यों में संलिप्त है जो गैरकानूनी है और देश के धर्मनिर्पेक्ष ढांचे को क्षति पहुंचाता है। केंद्र सरकार के अनुसार इस संस्था के सदस्य, विशेषकर जाकिर अब्दुल करीम नाईक अपने माननेवालों को धर्म के नाम पर ऐसे कार्य करने के प्रोत्साहित कर रहा है और अनुदान दे रहा है, जिससे देश में अशांति फैले, समाज में विद्वेश फैले।

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