अभिनेत्री कंगना रनौत इतिहास को लेकर एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार कंगना ने कहा है कि, भगत सिंह और नेताजी को कभी भी गांधी ने समर्थन नहीं दिया। भगत सिंह की फांसी में गांधी का समर्थन था, इसके कई प्रमाण हैं। इसलिए किसका समर्थन करें इसका निर्णय आपको करना होगा। इसलिए इन सब बातों को मन में रखकर मात्र जयंती पर शुभेच्छा देना ही बहुत नहीं है।
अपने नायकों को बुद्धिमानी से चुनें
कंगना कहती हैं कि, ‘हमें बचपन से कहा जाता रहा है कि यदि कोई आपको थप्पड़ मारे तो एक और थप्पड़ के लिए दूसरा गाल आगे कर दो और इस तरह आपको आजादी मिलेगी। ऐसा करने से कभी आजादी नहीं मिलती है, भीख मिल सकती है। अपने नायकों को बुद्धिमानी से चुनें।’
ये भी पढ़ें – गुजरात की विकास पर इस्पात मंत्री भी गदगद… मुख्यमंत्री से कह दी वो बात
वे नेताजी को सौंपने को तैयार थे
कंगना ने एक खबर साझा की है, इस खबर में दावा किया गया है कि महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना की एक ब्रिटिश न्यायाधीश के साथ सहमति बनी थी कि, यदि सुभाष चंद्र बोस देश में प्रवेश करते हैं तो वे उन्हें सौंप देंगे। इस पर टिप्पणी करते हुए कंगना ने लिखा है कि ‘या तो आप गांधी के प्रशंसक हैं या नेताजी के समर्थक हैं। आप दोनों एक साथ नहीं हो सकते हैं… चुनो और फैसला करो।’
इसे मराठी में पढ़ें – भगतसिंगांच्या फाशीला गांधींचा होता पाठिंबा! कंगना पुन्हा आक्रमक
वे चालाक और सत्ता लोलुप थे
कंगना रनौत एक अन्य पोस्ट में लिखती हैं कि, ‘जिन लोगों ने आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, उन्हें ऐसे लोगों ने अपने आकाओं को सौंप दिया जिनके पास अपने उत्पीड़न से लड़ने का साहस नहीं था या जिनका खून नहीं खौलता था। बल्कि, वे चालाक और सत्ता लोलुप थे।’