आयकर विभाग ने 9.11.2021 को एक फिनटेक कंपनी के परिसरों पर जांच और छापेमारी की। यह फिनटेक कंपनी मोबाइल एप के जरिए कम अवधि का पर्सनल लोन उपलब्ध कराती है। यह जांच कंपनी के दिल्ली और गुरुग्राम स्थित व्यावसायिक और आवासीय परिसरों पर की गई।
जांच के दौरान साफ हुआ कि कंपनी कथित रूप से लोन के भुगतान के लिए काफी ऊंची प्रोसेसिंग फीस लेती आ रही है। इससे लोन लेने वालों पर कर्ज का बोझ काफी बढ़ता जा रहा है। इस कंपनी का मालिकाना हक केमैन आयलैंड स्थित एक समूह के पास है और इसका नियंत्रण पड़ोसी देश के एक व्यक्ति के पास है।
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बैंको की बड़ी बकाएदार
यह कंपनी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के द्वारा आंशिक आरंभिक पूंजी लेकर भारत आई थी, लेकिन इसने भारतीय बैंकों से बड़ी कार्यकारी पूंजी लोन के रूप में ले रखी है। इस कंपनी का बिजनेस मॉडल पूंजी के हाई रोटेशन पर टिका हुआ है। यह बात कंपनी के कारोबार के पहले साल में ही 10,000 करोड़ के टर्नओवर से साफ होती है।
देसी पैसा विदेश रवाना… दाल में काला है
जांच के दौरान यह भी पाया गया है कि कंपनी ने विदेशों में काम कर रही इस ग्रुप की अपनी ही कंपनियों को दो साल में सर्विस लेने के बहाने लगभग 500 करोड़ रुपए भेजे हैं। जांच के दौरान यह भी पाया गया कि समूह की कंपनियों को भेजी गई यह रकम या तो दी गई सर्विस के एवज में काफी अधिक है या फिर गलत है। साक्ष्यों से यह भी साफ हुआ है कि वेब आधारित आवेदन के जरिए लोन देने के इस बिजनेस का नियंत्रण विदेश से किया जा रहा है। जांच के दौरान विदेशी नागरिकों सहित प्रमुख लोगों के वक्तव्य लिए गए हैं। इस संबंध में आगे की जांच जारी है।