सरकार गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को बूस्टर डोज देने की अनुमति देने पर विचार कर रही है। नेशनल टेक्नीकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन एम्यूनाइजेशन यानी एनटागी की इसी महीने होने वाली बैठक में इस बारे में निर्णय लिए जाने की संभावना है। इस बैठक मं गभीर रुप से बीमार बच्चों के टीकाकरण पर भी विचार किया जा सकता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार राज्यों में पर्याप्त मात्रा में कोरोना रोधी टीका होने के बावजूद टीकाकरण की रफ्तार नहीं बढ़ रही है। मंत्रालय के अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि राज्यों के पास लगभग 22 करोड़ की डोज मौजूद हैं और वैक्सीन निर्माता कंपनियां प्रतिदिन करीब एक करोड़ डोज सप्लाई कर रही हैं। इसे देखते हुए सरकार टीके का बड़े पैमाने पर निर्यात करने के साथ ही गंभीर रुप से बीमार बच्चों के टीकाकरण अभियान चलाने पर भी विचार कर रही है। इसके साथ ही वह गंभीर रुप से बीमार लोगों को बूस्टर डोड देने पर भी गंभीरता से विचार कर रही है।
एनटागी की सलाह पर सरकार लेगी निर्णय
इस संबंध में कई विषेषज्ञों के प्रजेंटेशन एनटागी और स्वास्थ्य मंत्रालय को प्राप्त हुए हैं। इस पर इस महीने के अंत में होने वाली बैठक मे निर्णय लिया जा सकता है। बताया जा रहा कि एनटागी की सलाह के अनुसार सरकार इस बारे में निर्णय लेगी।
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ऐसे लोगों को इसलिए दी जाएगी बूस्टर डोज
विशेषज्ञों का कहना है कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों के शरीर में प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है और टीका लगाने के बावजूद ऐसे लोगों शरीर में पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडी नहीं बन पाती। कोरोना संक्रमण के कारण जान गंवाने वालों में सबसे अधिक ऐसे लोग शामिल हैं। तीसरी लहर आने की स्थिति में भी ऐसे लोगों के ही सबसे ज्यादा प्रभावित होने की आशंका है। इसी तरह गंभीर रुप से बीमर बच्चे भी कोरोना की दूसरी लहर में बहुत ज्यादा प्रभावित हुए। कई माता-पिता ने इस लहर में अपने बच्चों को खो दिया।