केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानून रद्द करने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर दी है। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कृषि कानून की आवश्यकता के अध्ययन के लिए गठित तीन सदस्यीय कमेटी के सदस्य ने इन कानूनों का समर्थन किया है। महाराष्ट्र में सक्रिय शेतकरी संघटना के अध्यक्ष अनिल धनवट ने कानूनों को वापस लेना दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा है कि, इन कानूनों के विरोध में किसानों को भड़काया गया और उन्हें सड़कों पर उतारा गया।
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