निजी कंपनियां चलाएंगी भारत गौरव ट्रेनें! जानिये, क्या हैं कारण और कितना होगा किराया

देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत गौरव ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया गया है। ये ट्रेनें संचालित करने के लिए निजी कंपनियों को दी जाएंगी।

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केंद्र सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 180 ‘भारत गौरव’ ट्रेनें शुरू करने की योजना बना रही है। ये ट्रेनें निजी कंपनियां संचालित करेंगी। इस बारे में जानकारी देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे ने इसके लिए 3033 कोच आरक्षित किए हैं और नई रेल सेवाएं शुरू करने के लिए आवेदन मांगे गए हैं।

उन्होंने 23 नवंबर को कहा, “हमने ‘भारत गौरव’ ट्रेनें आवंटित की हैं और 3033 कोच आरक्षित किए हैं। हम आज से आवेदन स्वीकार करना शुरू कर रहे हैं। हमें अच्छा रिस्पांस मिला है। निजी कंपनियां ट्रेनों को संचालित करेंगी और रेलवे उनके रखरखाव, यार्ड और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में उनकी सहायता करेगी।” रेल मंत्री ने कहा कि रेल का किराया तय करने का अधिकार ऑपरेटर कंपनियों के पास होगा, लेकिन विवाद होने पर रेलवे उसमें हस्तक्षेप करेगी।

‘यह नियमित ट्रेन सेवा नहीं’
रेल मंत्री ने आगे कहा कि यह सेवा शुरू करने का मुख्य उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना है। यह कोई नियमित ट्रेन सेवा नहीं है। रामायण स्पेशल ट्रेन के कर्मचारियों की यूनिफॉर्म पर हाल के विवाद के बारे में पूछे जाने पर वैष्णव ने कहा कि उन्होंने इससे एक सबक सीखा है। बता दें कि साधुओं की चेतावनी के बाद आईआरसीटीसी ने रामायण एक्सप्रेस में वेटर्स का पहनावा बदल दिया है।

‘सबक लेकर आगे बढ़ना होगा’
रेल मंत्री वैष्णव ने कहा,” साधु-संतों की शिकायत के बाद यह हमारे संज्ञान में आया। हमारी संस्कृति में कई संवेदनशील मुद्दे होते हैं। हमें भोजन, कपड़े और अन्य चीजों के प्रति सचेत रहना होगा। हमें ऐसी बातों से सबक लेकर आगे बढ़ना है। भारतीय रेलवे ने कुछ लोगों की आपत्ति के बाद रामायण स्पेशल ट्रेनों में अपने सेवाकर्मियों के भगवा वस्त्र हटा दिए हैं।असुविधा के लिए हमें खेद है।”

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